
35 दिन से खेतों में मंडरा रहा टिड्डी दल अब शहर में घुस रहा है। सीकर शहर में रविवार को दूसरी बार टिड्डी दल ने पड़ाव डाल दिया। शाम 5:00 बजे टिड्डी दल शहर में घुसा। लोगों को बर्तन बजाकर घरों की छतों से झुंड को खदेड़ना पड़ा। 6 दिन पहले भी शहर में टिड्डी दल घुस गया था।
रविवार को सीकर शहर, फतेहपुर, खंडेला, रींगस व लक्ष्मणगढ़ इलाके के दर्जनों गांवों टिड्डी दल का पड़ाव रहा। किसानों ने टिड्डी को भगाने के लिए डीजे बजाए। टिड्डी की समस्या से निपटने में विभाग पूरी तरह असफल साबित हो रहा है। कृषि विभाग का दावा है कि टिड्डी नियंत्रण विभाग की टीम के अधिकारियों ने अलग-अलग स्थानों पर मॉनिटरिंग की।
संयुक्त निदेशक प्रमोद कुमार व उपनिदेशक शिवजी राम कटारिया ने मौके पर पहुंचकर कार्यों की मॉनिटरिंग की। टिड्डी नियंत्रण विभाग के अधिकारी नवीन भार्गव ने बताया कि धोद इलाके के कई गांवों में ड्रोन उड़ा-उड़ा कर नियंत्रण किया गया।
30 किलोमीटर क्षेत्र में 4 दल
रविवार को सीकर जिले में चार टिड्डी दल सक्रिय रहे। सबसे बड़ा 5 किलोमीटर लंबा दल खंडेला के गुरारा एरिया में रहा। दूसरा 3 किलोमीटर लंबा टिड्डी दल फतेहपुर व तीसरा 3 किलोमीटर लंबा लक्ष्मणगढ़ एरिया के गांव में व चौथा तीसरा 10 किलोमीटर एरिया में सीकर शहर में मंडरा रहा था।
खेत को खा रही हैं टिड्डियां
लाखों के टीडी दल ने खेतों में अंकुरित हो रही फसलों को पूरी तरह से चट कर दिया है। जिन इलाकों में टिड्डी दल का प्रवेश हुआ है। वहां खेत खाली हो गए हैं। दूसरी तरफ पेड़-पौधे में वनस्पति को भी बंजर बना दिया है। ज्यादा नुकसान बाजरा, ग्वार, मोठ, मूंग-मूंगफली सब्जियां की फसलों में हुआ है।- पेज 13 भी पढ़ें
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