सेंट्रल नारकोटिक्स ब्यूरो कोटा की टीम ने रविवार शाम से सोमवार सुबह तक 12 घंटे में लगातार 3 बड़ी कार्रवाईयां की हैं। तीनों कार्रवाई चित्तौड़गढ़ और बूंदी जिले में की गई। ब्यूरों के अफसरों ने छापामार कार्रवाई करते हुए अलग-अलग जगहों से बस, कार और ट्रक में 231 किलो अफीम और 5620 किलाे डोडा चूरा बरामद किया है। विभाग का कहना है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में इतनी अफीम की कीमत 11.50 करोड़ और डोडा चूरा की कीमत 5.62 करोड़ है। यह पूरी ड्रग्स तस्कर जोधपुर ले जा रहे थे। इस मामले में तीन तस्करों को गिरफ्तार भी किया गया है। विभाग का दावा है कि प्रदेश की ये सबसे बड़ी कार्रवाई है।
नारकोटिक्स ब्यूरो के उपायुक्त विकास जोशी ने बताया कि विभाग को तीन अलग-अलग जगहों से तस्करी की सूचना मिली थी। इसके बाद चित्तौड़गढ़ और बूंदी में कार्रवाई की। पहली कार्रवाई रविवार शाम करीब 7 बजे चित्तौड़गढ़-कोटा हाईवे पर बस्सी टोल नाके के नजदीक की गई, जिसमें एक कार से 206 किलो अफीम बरामद हुई। अफीम के कट्टे ड्राइवर के पीछे वाली सीट और डिक्की में थे। इस कार्रवाई में बेगूं के ड्राइवर लाभचंद धाकड़ को गिरफ्तार किया गया है। दूसरी कार्रवाई में देर रात निंबाहेड़ा मंगलवाड़ रोड पर बस से 25 किलो अफीम मिली। यह बस हैदराबाद से जोधपुर लेकर जा रही थी। ड्राइवर रामलाल बिश्नोई को गिरफ्तार किया गया। बस में मप्र के दलोदा या मंदसौर से ड्रग्स रखवाई गई। कार्रवाई में सहायक नारकोटिक्स आयुक्त विजय सिंह मीणा, अधीक्षक सी. प्रसाद, निरीक्षक धर्म सिंह मीणा, आरके प्रसाद, जेपी मीणा, बलवंत, रामविलास, मुकेश शामिल रहे।

इस ट्रक में हल्दी के अंदर छिपाकर तस्कर डोडा चूरा ले जा रहे थे।

16 चक्के के ट्रोले में हल्दी की बोरियों के नीचे मिली डोडा चूरा की खेप
तीसरी कार्रवाई किशोरपुरा टोल नाके बूंदी जिले में की गई। नागपुर से रामदेवरा के बिल्टी लेकर निकल रहे 16 चक्के के भारी ट्रोले को रुकवाया तो ड्राइवर ने उसमें हल्दी होने की बात कही। हल्दी की बोरियों को जब हटाया गया तो अंदर कट्टों में डोडा चूरा मिला। इसमें से 5620 किलाे डोडा चूरा मिला है। नारकाेटिक्स ब्यूरो ने ट्राेला चालक महेंद्र कुमार विश्नोई को गिरफ्तार कर लिया है, उसके पास भी ई-पास मिला है।

अब अफीम तस्करी के मुखिया का पता लगाना सबसे बड़ी चुनाैती
अभी इसका पता नहीं लग सका है कि यह ड्रग्स कहां से आ रही थी और कहां जा रही थी। यह विभाग के लिए सिर्फ पहेली है। इसका खुलासा भी नहीं हो सका है कि मुख्य तस्कर कौन है? जो यह सब करवा रहा है। नारकोटिक्स ब्यूरो के अधिकारियों का कहना है कि वे पकड़े गए आरोपियों से अफीम के सोर्स के बारे में पड़ताल कर रहे हैं। राजस्थान उपायुक्त विकास जोशी का कहना हैं कि अभी ड्राइवरों से पूछताछ की जा रही है, विभाग जल्द बड़े खुलासे करेगा।


इनसाइड स्टोरी : सुबह से ग्रामीणाें के वेश में हाईवे पर खड़ी रही टीम, रात में मिली सफलता
206 किलो अफीम को पकड़ने वाला यह केस हमारे लिए भी बड़ी चुनौती था। तस्करों के नेटवर्क को ट्रैक करने के लिए हमारी विशेष टीम पिछले तीन महीने से लगी हुई थी। हमारी टीमें कोटा, बूंदी, चित्तौड़, भीलवाड़ा, जयपुर और भी अलग-अलग जगहों पर फील्ड वर्क करके आई थी। तस्कर काफी शातिर है, जो हमसे हर बार बच निकलता है। विभाग ने इस कार्रवाई के पहले तीन बार इन तस्करों को पकड़ने के लिए टीमें भेजी, लेकिन हमें सफलता नहीं मिली। हर बार किसी न किसी वजह से तस्कर बच निकलते थे।
यह कभी वाहन बदलते हैं, कभी चेहरा तो कभी डिलीवरी रूट। यानी हर बार अलग तरीके अपनाते हैं। इस बार करीब 15 दिनों से हमारे पास एविडेंस थे और हमने इस बार पहले से मजबूत तैयारी की थी। हमे पता था कि तस्कर के आदमियों ने ड्रग ली है और वो दो रूट से जा सकते हैं। इसलिए हमने एक रूट पर सुबह से हमारे अधिकारियों को सिविल ड्रेस में ग्रामीणाें के वेष में तैनात कर दिया। अफसर टोल नाके के पास थे और कुछ दूरी पर दूसरे अफसर गाड़ी में छिपे हुए थे।
चौथी बार में अब जाकर ड्रग माफिया की यह कड़ी हमारे हाथ लग गई है। अब इस पूरे नेक्सस को तोड़ना हमारा उद्देश्य है। बाकी दो कार्रवाई तो हमने रूटीन में आ रही सूचनाओं को कलेक्ट करके की थी, सबसे प्रमुख कार्रवाई यही थी।



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तस्कर कार में रखकर यह ड्रग्स जोधपुर ले जा रहे थे।
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