भड़ली नवमी 29 जून को मनाई जाएगी। जून माह में विवाह जैसे मांगलिक कार्य के लिए भड़ली नवमी अबूझ मुहूर्त होने के कारण विशेष शुभ है। इसके अलावा इस माह में विवाह के सिर्फ 5 और श्रेष्ठ मुहूर्त हैं। 1 जुलाई को देवशयनी एकादशी है। इसके चलते विवाह जैसे मांगलिक कार्य रुक जाएंगे। 2 जुलाई से चातुर्मास का प्रारंभ हो जाएगा।

नूतन संवत्सर के उपरांत विवाह मुहूर्त का प्रारंभ एक मई से हुआ था, जो देवशयनी एकादशी तक चलेगा। ज्योतिषाचार्य पंडित ओमप्रकाश गौतम के अनुसार मई में विवाह जैसे शुभ मांगलिक कार्यों के 11 मुहूर्त थे। जून माह में भड़ल्या नवमी सहित 6 श्रेष्ठ मुहूर्त हैं। एक जुलाई को देवशयनी के साथ करीब पांच माह के लिए विवाह जैसे मांगलिक कार्य बंद हो जाएंगे। कोरोना महामारी के चलते मई माह में जिन जातकों के विवाह संस्कार रुक गए थे। वे 29 जून को भड़ल्या नवमी के अबूझ मुहूर्त में विवाह कर सकते हैं। एक जुलाई से चातुर्मास शुरू होने पर विवाह पर करीब 5 माह का ब्रेक लगेगा। मुहूर्त सीधे 25 नवंबर के बाद प्रारंभ होगे। नवंबर में सिर्फ दो दिन और दिसंबर में सात दिन ही विवाह के श्रेष्ठ मुहूर्त रहेंगे।

एक जुलाई से 5 माह तक नहीं रहेंगे विवाह के कोई मुहूर्त
एक जुलाई देवशयनी एकादशी से विवाह मुहूर्त नहीं रहेंगे, फिर देवउठनी एकादशी 25 नवंबर से प्रारंभ होंगे। जुलाई से नवंबर तक 5 माह विवाह पर ब्रेक रहेगा। इस वर्ष नवंबर में 26 व 27 तारीख को ही मुहूर्त रहेंगे, जबकि दिसंबर में केवल 1 से 11 तक सात दिन ही मुहूर्त रहेंगे।
कोरोना महामारी के कारण लगा शादियों पर ग्रहण
जून माह में पहले 17, 20 और अब 27, 28, 29, 30 शुभ मुहूर्त हैं। इसमें 29 जून का विशेष मुहूर्त है। इस वर्ष कोरोना महामारी के कारण मार्च से अब तक नाम मात्र के ही दाम्पत्य सूत्र में बंधे। अब इस माह छह दिन मुहूर्त हैं, पर इनमें भी विवाह कम संख्या में होंगे।



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