कम सैंपलिंग के बीच जिले में कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा मंगलवार को 600 के पार पहुंच गया है। इससे प्रशासन और चिकित्सा विभाग भी सकते में है। मंगलवार को 8 नए मामले सामने आते ही जिले में कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा 606 हो गया।

जो नए 8 मरीज आए हैं उनमें एक डेगाना के वार्ड 4, एक मकराना के राबड़िया और एक चौमू डीडवाना और शेष 5 मेड़ता सिटी के निवासी है।प्रशासन अलर्ट मोड पर आ चुका हैं। हालांकि एक्टिव मरीजों की संख्या 61 रह गई है। जबकि अब तक जिले में 12 मरीजों की कोरोना से मौत हो चुकी है।

जब यहां मरीजों का आंकड़ा रोज 40 से ऊपर चल रहा था तब आए दिन 1000 से अधिक सैंपल ले रहे थे लेकिन अब सैंपल घटाकर आधे से भी कम कर दिए हैं। हालांकि सीएमएचओ डॉ. सुकुमार कश्यप ने सैंपल कम होने की बात को नकारा और कहा कि मंगलवार को 351 सैंपल लिए गए है। लेकिन हकीकत में सैंपल घटा दिए हैं।

  • बड़ा कारण... 400 प्रवासियों की रिपोर्ट अब तक आ चुकी है कोरोना पॉजिटिव
  • बड़ी चिंता... स्वास्थ्य विभाग ने घटा दी है सैंपलिंग, लोग तोड़ रहे लॉकडाउन नियम

गोटन में अब तक 31, नागौर में 6498 सैंपल लिए, नागौर ब्लॉक में 311 तो बासनी में 253 मरीज

गोटन क्षेत्र में 31 सैंपल लिए गए हैं। वहीं 6498 सैंपल नागौर शहर से लिए गए हैं। बात पॉजिटिव मरीजों की करें तो कुल 606 संक्रमितों में से नागौर ब्लॉक से ही 311 मरीज सामने आ चुके हैं। इनमें सर्वाधिक 253 कोरोना संक्रमित बासनी से हैं। अब नागौर में सैंपल लेने का औसत 388 तक पहुंच गया है।

अब तक 20329 सैंपल की रिपोर्ट प्राप्त हो चुकी है जिनमें से 606 पॉजिटिव आ चुके यानी हर 35वां सैंपल पॉजिटिव निकल रहा है। यहां तक कि रेंडम सैंपलिंग में भी जिले में अब तक 70 से अधिक पॉजिटिव मरीज सामने आ चुके हैं। स्थिति चिंताजनक है लेकिन कुछ लोग अब भी बिना मास्क के बाजारों में घूम रहे हैं।

बासनी कोरोना मुक्त होने के बाद फिर संक्रमित

  • बात 23 जून तक की करें तो सबसे ज्यादा 55 सैंपल डीडवाना में लिए गए। बासनी में एक भी सैंपल नहीं लिया गया।
  • बासनी में 2340 सैंपल अब तक लिए गए हैं।
  • एक बार कोरोना मुक्त होने के बाद बासनी गांव में मरीज फिर सामने आए थे। जो क्वारेंटाइन में थे।
  • जिले में कांस्टेबल, नर्सिंग स्टाफ, होमगार्ड से लेकर बीएसएफ के अधिकारी भी संक्रमित हो चुके हैं।
  • 533 मरीज को स्वस्थ्य होने के बाद डिस्चार्ज किया जा चुका है।
  • रियां ब्लॉक में सबसे ज्यादा 304 सैंपल की जांच रिपोर्ट आनी बाकी है।
  • बाहर से आने वाले 12996 लोगों के सैंपल लिए गए हैं।
  • जिले में 150651 लोगों ने होम क्वारेंटाइन पूरा कर लिया है।

प्रवासियों की संक्रमित दर 3.09 प्रतिशत

मंगलवार को कुल 13 मरीज डिस्चार्ज किए गए। इनमें से अकेले कुचामन से 11 मरीज हैं। इसके अलावा दो मरीज डीडवाना से हैं। प्रवासियों के पॉजिटिव होने की रेट भी 3.09 प्रतिशत है।इसके अलावा कुछ मरीज विभिन्न समस्याओं को लेकर रेफर भी किए गए हैं। जिसमें से एक-एक जेएलएन अस्पताल, मेड़ता अस्पताल और कुचामन पीएमओ से है। जबकि दो डीडवाना से संबंधित हैं।

जानकारी के अनुसार एक मरीज को राज्य से बाहर भी रेफर किया गया है। इधर, खास और राहत की बात यह है कि डबलिंग रेट भी 22 दिन की है। हालांकि चिकित्सा विभाग को आशा है कि यह 30 दिन तक हो जाएगी। जिले के औसत पॉजिटिव दर की बात करें तो 2.83 फीसदी है। जबकि डेथ रेट 2 फीसदी है।

जो अपनी जगह पर ही बनी हुई है। कुल मिलाकर कोराना ने पूरे जिले को अपनी चपेट में ले लिया है और हर आयुवर्ग को जकड़ लिया है। िजले में अब तक एक दिन के बच्चे से लेकर बुजुर्गों तक को कोराना हो चुका है। अब भी लोग लॉकडाउन के नियम तोड़ रहे हैं। बाजारों में भीड़ उमड़ रही है।

राज्य में सबसे अधिक मरीजों के मामले में हम छठे नंबर पर

राज्य में सबसे अधिक मरीज जयपुर में 3006 हैं। संक्रमितों के लिहाज से नागौर का राज्य में छठा नंबर आता है। कोटा में नागौर से कम मरीज हैं।



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यह भीड़ खतरे से कम नहीं है। नागौर के तिरपोलिया के भीतरी बाजार में उमड़ी भीड़। लोग नियमों की पालना नहीं कर रहे हैं।
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