
जिले में शनिवार को 7 और कोरोना पॉजिटिव केस मिलने के साथ ही मरीजों की कुल संख्या 501 पहुंच गई। सबसे बड़ा खतरा यह है कि अनलॉक-1 के 27 दिन में जिले में 146 पॉजिटिव मिल चुके हैं, इनमें से 11 की मौत हो चुकी है। पिछले 100 मरीज केवल 15 दिन में सामने आए हैं।
वहीं अब तक कुल 20 की मौत हो चुकी है, इनमें से 9 की मौत लॉकडाउन के 60 दिन के दौरान हुई, जबकि अनलॉक-1 के 27 दिन में 11 ने दम तोड़ दिया। बड़ी चिंता यह भी है कि जेएलएन के आइसोलेशन वार्ड के आईसीयू यूनिट में भर्ती कोरोना पॉजिटिव तीन मरीजों की हालत काफी नाजुक बनी हुई है।
किशनगढ़ के रजिया कॉलोनी निवासी बुजुर्ग की बीकानेर में मौत
किशनगढ़ के रजिया कॉलोनी निवासी कोरोना पॉजिटिव बुजुर्ग की बीकानेर में इलाज के दौरान मौत हाे गई। यह मरीज कैंसर से भी जूझ रहा था। बुजुर्ग का अंतिम संस्कार बीकानेर में ही कर दिया गया। चिकित्सा विभाग ने परिवार के अन्य सदस्यों के कोरोना सैम्पल लिए हैं। वही, जिस तेजी से अजमेर में काेराेना मरीजों की रिकवरी हुई थी, उसी तेजी से जिले में माैत का आंकड़ा भी बढ़ रहा है।
राहत बनी आफत...अजमेर के लिए भारी पड़ रहा अनलॉक-1
एक जून से अनलाॅक-1 लागू हाेने के बाद से ही जिले में कोरेाना मरीजों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है। 23 मार्च से 31 मई तक यानी लॉकडाउन समाप्त हाेने तक इन 60 दिनों में जिले में जहां 9 काेराेना संक्रमितों की माैत हुई थी, वहीं अनलॉक-1 के 27 दिन में 11 मरीजों की माैत हाे चुकी है।
पिछले 15 दिन में 100 संक्रमित मिल चुके हैं। जून माह में पहली माैत 4 जून काे हुई, कोरोना से जिले में यह 9वीं माैत थी। अगले ही दिन 5 जून काे एक और माैत हाे गई। 8 जून काे 11वीं, 9 जून काे 12वीं, 11 जून काे 13वीं, 16 काे 14वीं, 19 काे 15वीं, 20 काे 16वीं, 22 काे 17वीं, 23 काे 18वीं, 26 काे 19वीं और 27 जून काे 20 वीं माैत हुई।
जिले में 27 मार्च को पहला पॉजिटिव मिला, 90 दिन में 500 पहुंची संख्या
अजमेर जिले में 90 दिन में कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या 500 पार कर गई। जिले में पहले साै मरीज 26 दिन में सामने आए थे। इसके बाद हर 17 दिन में कोरोना संक्रमित मरीजों का शतक बनता गया। अजमेर में 26 मार्च को पहला कोरोना पॉजिटिव अस्पताल में भर्ती हुआ था, जिसकी रिपोर्ट 27 मार्च की सुबह जारी की गई। जिले में 100 मरीज 22 अप्रैल, 200 मरीज 9 मई, 300 मरीज 25 मई, 400 मरीज 11 जून और 500 मरीज 27 मई को हो गए।
अजमेर में 5, ब्यावर-किशनगढ़ में 1-1 पॉजिटिव
जिले में शनिवार काे सात नए काेराेना पॉजिटिव मरीज सामने आए हैं। अजमेर में पांच, ब्यावर-किशनगढ़ में 1-1 काेराेना पॉजिटिव मरीज मिले हैं। अजमेर के अहाता मोहल्ला निवासी 50 वर्षीय पुरुष, जयपुर राेड स्थित आरआरटीआई काॅलाेनी निवासी 56 वर्षीय पुरुष, 59 वर्षीय महिला, चंद्रवरदाई नगर निवासी 57 वर्षीय महिला, अजमेर का ही 48 वर्षीय पुरुष, ब्यावर के जवाजा निवासी 56 वर्षीय महिला सहित किशनगढ़ के फतेहगढ़ निवासी 72 वर्षीय पुरुष की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है।
अब खतरा इसीलिए बड़ा
पूरे देश में अनलाॅक-1 लागू है। इसी के साथ चिकित्सा विभाग ने स्क्रीनिंग व सैंपलिंग भी कम कर दी है। काेराेना से ध्यान हटाकर विभाग ने अपने दूसरे काम शुरू कर दिए हैं। विभाग के अधिकारियों का कहना है कि उनके पास ऐसी काेई नई गाइड लाइन नहीं है कि सभी की सैंपलिंग करवाई जाई। यहां तक की जिस घर में काेराेना पॉजिटिव मरीज सामने आ रहे हैं, उस परिवार के सदस्यों या पड़ोस में रहने वालाें की भी सैंपलिंग नहीं हाे रही है।
जिले में पहला पॉजिटिव मिलने के बाद चार थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू लगा दिया गया था। दूसरे चरण में केवल मोहल्ले में कर्फ्यू लगता था। तीसरे चरण में गली या मकान के आसपास बेरिकेडिंग लगाकर जीराे मोबिलिटी लागू कर दी जाती, लेकिन अब यह नियम भी नहीं रहा। इस कारण सभी एक दूसरे के संपर्क में आकर पॉजिटिव हाे रहे हैं।
कौन किससे संक्रमित हुआ,नहीं चल रहा पता
चिकित्सकाें का कहना है कि अनलॉक-1 के बाद अब ताे पता ही नहीं चल रहा कि काैन कहां से संक्रमित हुआ। आज भी कई लाेग काेराेना पॉजिटिव हाेंगे। जिन लाेगाें की इम्यूनिटी अच्छी है, उन्हें ताे पता ही नहीं चल पाता कि वे कब पॉजिटिव हाेकर वापस निगेटिव हाे गए।
महिला पॉजिटिव मिली तो परिजनाें ने खुद को किया कैद
चंद्रवरदाई इलाके के ए ब्लॉक में शनिवार को 57 वर्षीय महिला की कोरोना जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद परिजन दहशत में आ गए। उन्होंने खुद को घर के ही एक कमरे में बंद कर लिया। पुलिस और चिकित्सा विभाग की समझाइश के बाद उन्हें जांच के लिए पहुंचाया गया।
अहाता मोहल्ला...जिले का सबसे बड़ा होलसेल मार्केट, फिर भी लापरवाही
अजमेर शहर के अहाता मोहल्ले में शनिवार को काेराेना पॉजिटिव मरीज मिलने के बाद चिकित्सा विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है। जिले का सबसे बड़ा होलसेल मार्केट यही हैं। यहां पर मणिहारी की दुकानें सबसे ज्यादा हैं। इस क्षेत्र में गांव वालाें की भीड़ लगी रहती है।
दुकानों में कई लाेग मास्क तक नहीं लगाते हैं। यहां से दरगाह के लिए भी रास्ता जाता है। इसकी जानकारी हाेने के बावजूद प्रशासन ने यहां लापरवाही बरती है। शनिवार को कोरोना संक्रमित मरीज मिलने के बाद भी इलाके में सेनिटाइजेशन नहीं किया गया। यह सबसे तंग एरिया है। इस क्षेत्र में संक्रमण फैला तो दरगाह बाजार स्थित माेची मोहल्ले के सामान ही काेराेना विस्फोट होने का खतरा पैदा हो सकता है।
यहां जीराे मोबिलिटी या बेरिकेडिंग नहीं लगाए जाने से क्षेत्र के लोगों को पता ही नहीं चला कि यहां काेई पॉजिटिव मरीज मिला है। आम दिनों की तरह ही बच्चे यहां खेलते रहे। यहां तक की पॉजिटिव मरीज के मकान के नीचे ही दुकानें आम दिनों की तरह खुली रहीं। जिला प्रशासन ने केवल घर के बाहर नोटिस चस्पा करके अपने कार्य की इतिश्री कर ली।
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