
शेखावाटी में एक महीने से टिड्डी दल का खतरा कम नहीं हुआ है। दैनिक भास्कर के खुलासे के बाद अब कृषि विभाग ने ड्रोन मंगवा लिए। शनिवार को फतेहपुर के बलोद छोटी व खेड़ी गांव में टीडी नियंत्रण विभाग मुंबई, बीकानेर व चूरू की टीम ने कृषि विभाग के साथ खेतों में ड्रोन की मदद से कीटनाशक स्प्रे किया। दावा किया कि 10 मिनट में 10 हैक्टेयर एरिया में ड्रोन के जरिए टीडी के बड़े दल को खत्म किया गया।
जिले में 22 मई से ही टीडी के दल आ रहे हैं। टिड्डी दल ने अब तक 50 से ज्यादा गांव में 1000 से ज्यादा हैक्टेयर में मूंगफली, बाजरा व जायद की फसलों को नुकसान पहुंचाया है। सबसे ज्यादा 6 बार धोद तहसील के एक दर्जन से ज्यादा गांवों में फसलों को नुकसान पहुंचाया है। दांतारामगढ़ व लक्ष्मणगढ़ तहसील में चार-चार बार, सीकर, नीमकाथाना व फतेहपुर तहसील में एक-एक बार टिड्डी दलों का आक्रमण हो चुका है।
सभी टिड्डी दल ने चूरू व नागौर सीमा से सीकर जिले के 50 से ज्यादा गांव में फसलों पर अटैक किया है। कृषि विभाग का दावा है कि 1000 से ज्यादा टैंकर की बुकिंग की हुई है। यानी प्रत्येक गांव में एक टैंकर व ट्रैक्टर संचालित स्प्रे मशीन की एडवांस बुकिंग है। प्लांट सरंक्षण अधिकारी नवीन भार्गव ने बताया ऑपरेशन सहायक निदेशक मुंबई डॉक्टर शिवाजीराव बावरे की अगवानी में किया गया।
कृषि उपनिदेशक शिवजी राम कटारिया ने बताया कि टीडी नियंत्रण का कीटनाशक हाई पावर पोइजन होने की वजह से हवाई स्प्रे नहीं किया जा सकता। ऐसी स्थिति में ऊंचाई वाले पेड़ों पर कीट को मारने के लिए ड्रोन काफी मददगार है।
टिड्डी दलों से नुकसान की रिपोर्ट तीन दिन में भिजवाए
कलेक्टर यज्ञ मित्र सिंहदेव ने मुख्य कार्यकारी अधिकारी, जिला परिषद सीकर सहित सभी उपखंड अधिकारी, तहसीलदार, विकास अधिकारियों से जिले में टिड्डी दलों के प्रकोप से फसलों को हुए नुकसान की रिपोर्ट 3 दिन में भिजवाने के निर्देश दिए हैं ! कलेक्टर ने जिलेभर से प्राप्त किसानों की शिकायतों के आधार पर सभी अधिकारियों को संयुक्त निदेशक, कृषि विभाग सीकर से समन्वयक स्थापित करते हुए नुकसान की रिपोर्ट भिजवाने के निर्देश दिए है!
किसानों को बताएं टीडी नियंत्रण के उपाय : कृषि विभाग ने हालातों को देखते हुए शनिवार को जिलेभर में सहायक कृषि अधिकारी कार्यालयों पर किसान गोष्ठी आयोजित कर टीडी नियंत्रण क जानकारी दी। गोष्ठी में पंपलेट वितरण कर सभी किसानों को जागरूक किया।
रात के समय ही संभव है नियंत्रण : दिन के समय में टिड्डी दल उड़ान भरता है। ऐसी स्थिति में नियंत्रण संभव नहीं है। विशेषज्ञों के मुताबिक रात के समय टिड्डी दल के पड़ाव डालने की स्थिति में ही नियंत्रण कार्य संभव हो पाता है।
7 सहकारी संस्थाओं के काउंटर पर 920 लीटर कीटनाशक का स्टॉक : जिले में टिड्डी नियंत्रण को लेकर कृषि विभाग के द्वारा क्रय-विक्रय सहकारी समितियों के काउंटरों पर 920 लीटर कीटनाशक का स्टॉक किया जा चुका है। सीकर में क्लोरोपायरीफोस 50% 100 लीटर, दांतारामगढ़ क्रय विक्रय सहकारी समिति में क्लोरोपायरी फोस 220 लीटर, लक्ष्मणगढ़ में 100 लीटर, श्रीमाधाेपुर में 200 लीटर, लक्ष्मणढ़ में 160 लीटर व नीमकाथाना में 170 लीटर उपलब्ध कराई गई है।
बढ़ते टिड्डी दल की रोकथाम के लिए संगोष्ठी हुई
ग्राम सेवा सहकारी समिति के सभागार में कृषि विभाग द्वारा क्षेत्र मे बढ़ते टिड्डी के प्रभाव को नियंत्रण करने व बचाव करने को लेकर कृषिमित्रों की संगोष्ठी का आयोजन किया गया। तहसीलदार गंभीरसिंह ने कृषि अधिकारी, ग्राम विकास अधिकारी व कृषि मित्रों से किसानों के साथ टिड्डी दल को भगाने व रोकथाम करने के लिए होने वाले उपायों से जागरूक करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि टिड्डी दल एक प्रकार से फसलों के लिए आंतकी हमले से कम नहीं है। जिससे फसलें नष्ट हो जाती है।
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