
देवस्थान विभाग ने देश-विदेश के लाखों श्रद्धालुओं की आस्था के केंद्र खाटूश्याम मंदिर में परिसर में शुरू की गई तोड़फोड़, बाहर डोम बनाए जाने सहित शुरू किए गए पुनर्निर्माण के कार्यों पर सवाल खड़े किए हैं। सहायक आयुक्त ने श्री श्याम मंदिर कमेटी खाटूश्याम जी को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। ट्रस्ट देवस्थान विभाग में पंजीकृत है और कमेटी ने इसके पुनर्निर्माण, स्वरूप परिवर्तन को लेकर कोई जानकारी नहीं दी। न ही किसी तरह की अनुमति ली गई।
सहायक आयुक्त ने नोटिस में बताया है कि उन्हें खाटू प्रवास के दौरान पता चला कि परिसर में पूर्व निर्माण को ध्वस्त किया जा रहा है। डोम बनाने के लिए मंदिर के मूल स्वरूप में ताेड़फोड़ की गई है। देवस्थान विभाग की इजाजत के बिना पुनर्निर्माण शुरू कर दिया गया है। इस पर सवाल सहायक आयुक्त ने जवाब तलब किया कि पुनर्निर्माण का नक्शा किससे अनुमोदित करवाया, प्रस्तावित निर्माण की योजना, अनुमानित लागत, ट्रस्ट की ओर से पारित बजट, निर्माण में खर्च की जाने वाले राशि के स्रोत क्या हैं।
गर्भगृह को क्षति नहीं पहुंचे इसके लिए क्या मापदंड अपनाएंगे। इसकी तकनीकी रिपोर्ट पेश करें। इसके साथ ही ट्रस्ट की वर्तमान बचत राशि एवं बकाया दायित्वों का विवरण, विभिन्न एफडीआर की सूचना भी विभाग ने मांगी है। मंदिर कमेटी ने इसका जवाब पेश किया । जिसमें कहा गया कि यह पुनर्निर्माण नहीं करवाया जा रहा। कलेक्टर के निर्देश पर डोम बनाया जा रहा है। देवस्थान विभाग ने इस पर सवाल उठाते हुए पूर्व में किए गए सवालों के जवाब मांगे हैं।
पहला नोटिस, 9 जून, पूछा- पुनर्निर्माण के लिए संपत्तियों के अधिग्रहण का मामला कोर्ट में, फिर काम शुरू किसकी अनुमति से
देवस्थान विभाग ने प्रन्यास को पहला नोटिस 9 जून 2020 को लिखा है। इस में जवाब मांगा है कि 5 अक्टूबर 2005 में दांतारामगढ़ के एसडीएम ने भूमि अवाप्ति की कार्रवाई की थी। जिसमें 10 परिसंपत्तियां अवाप्त की जानी थी। अवाप्ति की इस कार्रवाई के खिलाफ विभिन्न कब्जादारों ने हाईकोर्ट में याचिकाएं दायर की थी।
इनमें 3 याचिकाएं अभी लंबित हैं। इसके बाद भी पुनर्निर्माण करवाया जा रहा है। यहां आने वाले लाखों लोग सुगमता से दर्शन कर सकें ऐसा प्रारूप बनाया जाना था। इसका नक्शा अनुमोदन किस स्तर पर किया गया, उक्त निर्माण कार्य किस संस्था या फर्म को सौंपा गया है। मंदिर निर्माण कार्य के पर्यवेक्षण व रख रखाव व गुणवत्ता बनाए रखने के लिए प्रन्यास की ओर से कोई समिति या उपसमिति का गठन किया है तो उसकी सूचना भी मांगी है। साथ ही न्यास पंजीयन से अब तक अर्जित संपत्तियों के क्रय, दान अभिलेख की प्रतियां व न्यास द्वारा आय-व्यय का ब्यौरा मांगा गया है।
दूसरा नोटिस, 26 जून, पूछा- डोम बनाने के लिए मंदिर के मूल स्वरूप में ताेड़फोड़ किसकी अनुमति से की गई
मंदिर समिति ने पहले नोटिस के जवाब में कहा कि पुनर्निर्माण कार्य शुरू नहीं किया गया है। अभी सोशल डिस्टेंसिंग के मद्देनजर कलेक्टर के निर्देश पर डोम बनाए जा रहे हैं। इस पर विभाग ने पूछा है कि डोम बनाने का प्रस्ताव न्यास की किस बैठक में लिया गया उसका ब्यौरा दें। डोम के लिए मंदिर के मूल स्वरूप में तोड़फोड़ कर परिवर्तन किया गया है। इसके लिए किसकी अनुमति ली गई।
सार्वजनिक कार्य के प्रति न्यास को जवाबदेही व पारदर्शिता बरतनी चाहिए। इसके लिए कराए जाने वाले कार्य का पूरा ब्यौरा व खर्च का विवरण प्रस्तुत किया जाए। न्यास अधिनियम की धारा 23 के तहत न्यास में हुए परिवर्तनों की जानकारी भी विभाग ने मांगी है। साथ ही मंदिर परिसर में की जा रही तोड़फोड़ से मंदिर के गर्भ गृह, भेंट में प्राप्त बहुमूल्य सामान, भेंट राशि की सुरक्षा के लिए किए गए उपायों और बहुमूल्य सामान की सूची व सुरक्षा तय करने की जानकारी देने को कहा गया है।
हाईकोर्ट का आदेश : कलेक्टर मंदिर के रोजमर्रा के कामों में दखल नहीं दे सकते
ट्रस्ट देवस्थान विभाग में पंजीकृत है। वर्ष 2000 में हाईकोर्ट ने एक मामले का निस्तारण करते हुए निर्देश दिए थे कि कलेक्टर ट्रस्ट कार्यों और वहां की प्रशासनिक व्यवस्था में दखल नहीं दे सकता। भेंटपात्र व भंडार भी देवस्थान विभाग के सहायक आयुक्त की मौजूदगी में खोले जाएंगे। यहां कलेक्टर सिर्फ मेले के अवसर पर ही कानून-व्यवस्था बनाए रखने की जिम्मेदारी देखते हैं। मंदिर कमेटी ने कलेक्टर का हवाला देते हुए डोम निर्माण की बात कही है। इसके लिए देवस्थान विभाग ही अनुमति जारी कर सकता है।
^मंदिर का पुनर्निर्माण श्री श्याम मंदिर कमेटी ही करवा रही है। ट्रस्ट ने श्याम बाबा के गर्भगृह को टच भी नहीं किया है। श्रद्धालुओं के आने वाले रास्ते व बरामदों की तरफ निर्माण किया जा रहा है। हमने सब चीजें लिखित में दे रखी हैं। तीन परिसंपत्तियों के स्टे का मामला होगा लेकिन उक्त निर्माण वाले स्थान पर किसी का स्टे नहीं है।
कालूसिंह चौहान, मंत्री, श्री श्याम मंदिर कमेटी खाटूश्याम
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