इस वर्ष मौसम विभाग के अनुमान से एक सप्ताह पहले ही मानसून अजमेर में प्रवेश कर गया। जब हम बीते सालों के आंकड़ों पर नजर डालते हैं तो कई रोचक जानकारियां सामने आती हैं। अजमेर शहर में बीते 40 साल में 22 बार मानसून औसत बारिश के आंकड़े 530 एमएम तक भी नहीं पहुंच पाई है, जबकि 18 बार औसत मानसून या इससे अधिक बारिश हुई है। वहीं, 7 साल ऐसे भी रहे हैं, जिनमें 700 एमएम से भी ज्यादा बारिश दर्ज की गई है।

सिंचाई विभाग की ओर से मानसून सीजन 1 जून से 30 सितंबर तक माना जाता है। केंद्रीय बस स्टैंड के सामने स्थित दफ्तर में रेनगेज लगा हुआ है, जिसे अजमेर सिटी का सबसे नजदीकी रेनगेज माना जा सकता है। इसी रेनगेज के 40 साल के रिकॉर्ड पर नजर डालें तो सामने आता है कि 22 बार तो औसत बारिश ही शहर में नहीं हो पाई। गत वर्ष बंपर बारिश के कारण सिंचाई विभाग को अपना कंट्रोल रूम 30 सितंबर से 15 अक्टूबर तक बढ़ाना पड़ा था।

गर्मी और उमस ने किया बेहाल
शनिवार को शहवासी गर्मी और उमस से बेहाल रहे। सुबह से ही धूप में तेजी रही, हालांकि यदा-कदा बादल भी छाए रहे। सूर्यास्त के बाद ही मौसम में ठंडक हो सकी। मौसम विभाग के अनुसार शनिवार को अधिकतम पारा 37.1 और न्यूनतम पारा 29.0 डिग्री रहा। सुबह की आर्द्रता 60 और शाम की आर्द्रता 42 प्रतिशत रही।

इन 7 सालों में 700 एमएम से ज्यादा बारिश
अजमेर के बारिश के रिकॉर्ड में 7 साल ऐसे भी रहे हैं, जिनमें औसत बारिश 700 एमएम से ज्यादा हुई है। इनमें 1983 में 1053, 1990 में 840, 1995 में 740, 1996 में 769, 1997 में 993, 2008 में 705 तथा 2019 में 948 एमएम बारिश दर्ज की गई। यह मानसून शहर के लिए उम्मीद से कही बेहतर रहे थे।



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Not even 22 years of average rain in 40 years, only 225 mm of rain in 1987
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