प्रदेश के कॉलेजों में स्नातक प्रथम वर्ष के लिए सरकार ने प्रवेश नीति जारी कर दी है। प्रवेश कब होंगे, इसका निर्णय कॉलेज शिक्षा आयुक्तालय द्वारा केंद्र व राज्य सरकार द्वारा कोविड-19 के संबंध में जारी एडवाइजारी के बाद किया जाएगा। खास बात यह है कि प्रवेश के नियमों में बदलाव करते हुए कहा गया है कि इस बार प्रवेश परसेंटाइल आधार पर नहीं होकर प्रतिशत के आधार पर होंगे।

मतलब अब तक प्रथम वर्ष में प्रवेश के लिए देश के सभी बोर्ड के अंकों को समान करने के लिए एक फार्मूले के आधार पर प्रवेश की पात्रता तय की जाती थी, लेकिन इस बार इसे कोविड-19 के कारण बदल दिया गया है। इस बार 12वीं के प्राप्तांकों के आधार पर ही प्रवेश होंगे। इसका सबसे ज्यादा फायदा सीबीएसई से उत्तीर्ण होने वाले बच्चों को मिलेगा। परसेंटाइल सिस्टम में सीबीएसई से उत्तीर्ण विद्यार्थी प्रवेश से वंचित रह जाते थे।

प्रवेश नीति में इस बार खास यह भी है कि कला व वाणिज्य वर्ग का सेक्शन 80 बच्चों का नहीं होकर 100 बच्चों का रहेगा और विज्ञान वर्ग में सेक्शन में बच्चों की संख्या 88 रहेगी। सरकार ने उच्च शिक्षा से वंचित मूकबधिर व दृष्टिहीन बच्चों को परीक्षा उत्तीर्ण करने संबंधी नियमों में भी राहत देते हुए कहा है कि अब वे किसी भी अकादमिक सत्र में प्रवेश लेंगे तो अंतराल संबंधी नियमों को निरस्त कर दिया गया है।

इसके अलावा महिला नामांकन की दर बढ़ाने के लिए सहशिक्षा महाविद्यालयों में महिला अभ्यर्थी को 3 प्रतिशत बोनस अंक देने के साथ अंतराल संबंधी नियमों में छूट भी दी जाएगी ताकि अधिक आयु वाली उच्च शिक्षा की इच्छुक महिला अभ्यर्थियों को नियमित उच्च शिक्षण के अवसर मिल सकें।

  • आयुक्तालय द्वारा प्रवेश नीति जारी कर दी गई है। इस बार कला व वाणिज्य वर्ग के सेक्शन 100 व विज्ञान वर्ग के 88 बच्चों के रहेंगे। इसके अलावा प्रवेश परसेंटाइल बेसिस पर नहीं होकर प्रतिशत के आधार पर होंगे। आयुक्तालय से प्रवेश के संबंध में जो निर्देश मिलेंगे, उनकी पालना करते हुए प्रवेश लिए जाएंगे।

- डॉ. सरिता जैन, प्रवेश प्रभारी, जीडी कॉलेज, अलवर



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