जिले में बिजली चोरी का खेल ईमानदारी से बिजली बिल भरने वाले लोगों की जेब और घरों पर कितना भारी पड़ रहा है इसकी चौंकाने वाली तस्वीर सामने आई है। बीते 46 दिनों में अकेले झुंझुनूं जिले में साढ़े 28 लाख यूनिट की चोरी हुई है। जिसका औसत बिल तीन करोड़ 87 लाख रुपए बनता है। कुछ लोगों द्वारा बिजली चोरी के इस खेल के कारण बिल भरने वाले लोगों को आए दिन बार बार बिजली गुल होने की परेशानी झेलनी पड़ रही है।
अधिकांश मामलो में रात के समय बिजली चाेरी की जाती है। जिसके कारण लाइनों पर अचानक लोड बढ़ जाता है। ऐसे में लाइनों में बार बार फाल्ट आते हैं। इन 46 दिन की ही बात करें तो रोजाना रात को कहीं ना कहीं पांच से छह बार बिजली ट्रीप हुई। चौंकाने वाली बात ये है कि चोरी की जा रही बिजली की साढ़े 28 लाख यूनिट से 270 फैक्ट्रियों को पूरे महीने बिजली दी जा सकती है। जिले की प्रतिदिन की कुल बिजली खपत 70 लाख यूनिट है।
ऐसे में चोरी की जा रही यूनिट से पूरे जिले को आधे दिन तक बिजली आपूर्ति हो सकती है। इसके अलावा डिस्कॉम को इससे भारी नुकसान हो रहा है। चोरी रोकने के लिए भी उसे अपने संसाधन खपाने पड़ रहे हैं। इन सबका भार भी मिलाकर आम उपभोक्ताओं पर पड़ रहा है।
जितनी यूनिट बिजली चोरी हुई उससे 270 फैक्ट्रियां महीने भर चलाई जा सकती है
- बिजली चोरी का खेल सबसे अधिक लॉकडाउन में बढ़ा। पिछले साल मार्च अप्रेल में बिजली चोरी 20 से 30 प्रतिशत तक थी, लेकिन इस साल इन्हीं दो महीने में यह 40 से 50 प्रतिशत तक हो गई।
- झुंझुनूं जिला नागौर के बाद इस मामले में दूसरे स्थान पर आ गया। ऐसे में डिस्कॉम ने 15 मई से कार्रवाई की शुरुआत की, लेकिन एक जून से अभियान शुरू किया।
- बिजली चोरी रोकने के लिए सवा सौ अधिकारियों व कर्मचारियों को मिलाकर 34 टीम बनाई गई।
- चोरी रोकने के लिए 22 सब डिवीजन, 5 एक्सईएन स्तर की टीमों ने काम शुरू किया। साथ ही विजिलेंस की पांच और प्रोजेक्ट विंग व मीटर्स विंग की एक-एक टीम को भी लगाया गया।
- पिलानी के बेरी, हमीनपुर, सूरजगढ में महपालवास व कुलोठ और बुहाना के निम्बास, कुहाड़वास में सबसे अधिक मामले सामने आए हैं।
4000 जगहों पर छापे, 2267 जगहों पर मिली चोरी
डिस्कॉम की टीमों ने जिले भर में 4000 जगह छापे मारे। इनमें से 2267 जगह बिजली चोरी पकड़ी गई। कुल 28 लाख 56 हजार यूनिट बिजली की चोरी का खुलासा हुआ। जिसकी कीमत तीन करोड़ 87 लाख रुपए से अधिक निकली। कुल 108 लोगों के खिलाफ बिजली चोरी निरोधक थाने में मामले दर्ज करवाए गए। पिछले दो दिन में ही 411 जगह छापे मारे गए और 84 लाख रुपए की वीसीआर भरी गई।
जिंदगी दांव पर, सीधे 11 हजार केवी लाइन से चोरी
बिजली चोरी के लिए लोग अपनी जिंदगी तक दांव पर लगा रहे हैं। चिडा़वा, पिलानी, सूरजगढ़ क्षेत्र में कई ऐसे मामले सामने आए। जिनमें लोगों ने सीधे 11 हजार केवी लाइन से तार जोड़े। जबकि इस लाइन के पास जाने से ही करंट की चपेट में आने का डर रहता है। ये लोग हरियाणा से सस्ते ट्रांसफार्मर खरीद कर लाते और उन्हें खेतों में दबा देते। 11 हजार केवी लाइन से जोड़े तार को इन ट्रांसफार्मर से जोड़कर बिजली चोरी की जाती है। छापेमारी के दौरान डिस्कॉम की टीम ने ऐसे 27 मामले पकड़े। जिनमें 23 के खिलाफ मामला दर्ज किया गया।
कमी : जुर्माना भर सजा से बच रहे लोग
बिजली चोरी को प्रभावी ढंग से रोकने में डिस्कॉम की प्रक्रिया भी नाकाफी है। दरअसल, डिस्कॉम चोरी पकड़े जाने पर वीसीआर भर देता है। कई मामलों में एफआईआर भी दर्ज होती है, लेकिन बाद में इसकी प्रक्रिया काफी लंबी है। जिसमें डिस्कॉम के अधिकारी भी नहीं उलझते। वहीं आरोपी भी जुर्माना व बिल की राशि जमा करवा देते हैं।
महीने भर से चल रहा अभियान
लॉकडाउन में बिजली चोरी बढ़ी है। एक जून से हमने अभियान शुरू किया है। जिसमें कई मामले सामने आए हैं। बिजली चोरी से दूसरे उपभोक्ता भी प्रभावित तो होते ही हैं। ऐसे में यदि कोई चाहे तो हमें सूचना भी दे सकता है। ऐसे व्यक्ति का नाम गोपनीय रखा जाएगा।
- राजेंद्रसिंह शेखावत, एसई, डिस्कॉम
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