कोरोना से परे इस वक्त हमारे किसान एक बड़े संकट से जूझ रहे हैं। टिडि्डयों के रुप में यह संकट उनके खेतों में दिनरात मंडरा रहा है और फसलों को चट कर रहा है। पिछले 40 दिन की बात करें तो शेखावाटी में सात बार टिडि्डयों का हमला हो चुका है। किसान राजेंद्र फौजी ने बताया कि ये कब, कहां और किस दिशा से आ जाएं कुछ पता नहीं हैं। किसानों के पास इन्हें भगाने के लिए केवल एक ही विकल्प है कि शोर मचाया जाए, लेकिन इससे ना तो टिडि्डयां जाने का नाम ले रही हैं और ना ही सरकार तक किसानों की पीड़ा पहुंच रही है। कृषि विभाग छिड़काव के दावे करता है, लेकिन वह भी नाकाफी साबित हो रहा है।

40 दिन, 22 बड़े दल, 8 ऊपर से गुजरे

  • झुंझुनूं जिले में पिछले 40 दिन में टिडि्डयों के 22 बड़े दल आ चुके हैं। जबकि आठ केवल ऊपर से गुजरे। पहली बार दल 18 मई को आया। इसके बाद 19, 26,28 को आया। फिर 29 व 30 जून व एक जुलाई को पहुंचा।
  • टिडि्डयों को भगाने के लिए कृषि विभाग ने फील्ड में 150 कर्मचारियों का ग्रुप बना रखा है। इसके अलावा कुछ किसानों को जोड़ा है।

15 हजार हैक्टेयर में 40% नुकसान

  • जिले में टिड्डियों ने 15 हजार हेक्टेयर में अब तक करीब 30-40% नुकसान पहुंचाया है। सबसे अधिक नुकसान कपास में हुआ है।
  • सूचना के बाद विभाग ट्रेक्टर लेकर छिड़काव के लिए पहुंचता है। इसमें केमिकल टैंक वाले ट्रेक्टर को प्रतिदिन 2500 रुपए और पानी के टैंकर को प्रतिदिन 2000 रुपए दिए जाते हैं।

चिता : अभी नहीं रोका तो अक्टूबर में फसलों को होगा भारी नुकसान
टिडि्डयों का हमला पिछले साल भी हुआ था, लेकिन तब वे प्रदेश के मारवाड़ तक सिमित थी, लेकिन इस बार पूरे प्रदेश में हैं। अभी इनमें अंडे देने की स्टेज नहीं है, लेकिन मानसून में ये अंडे देंगी। उससे पहले इन्हें नहीं रोका तो अक्टूबर में हालात चिंताजनक हो सकते हैं। उस समय खेतों में फसल भी होगी।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
झुंझुनूं. टिड्‌डियाें की आशंका को लेकर किसान ने खेत में लगाए लाउड स्पीकर।
Via Dainik Bhaskar https://ift.tt/1PKwoAf

Advertisement

0 comments:

एक टिप्पणी भेजें

 
Top