काेराेना कहर बरपा रहा है। जयपुर में संक्रमण के मामले लगातार बढ़ते ही जा रहे हैं। साेमवार काे 32 इलाकाें में 80 लाेग पाॅजिटिव पाए गए। संक्रमण का कारण सोशल डिस्टेंसिंग की पालना नहीं करना है, वहीं मेडिकल टीमाें ने सुपर स्प्रेडर की जांच भी बंद कर दी है। साेमवार काे सबसे ज्यादा ब्रह्मपुरी में 11 मामले मिले। संक्रमण बढ़ने से अब पाॅजिटिव के आंकड़ें 4954 तक पहुंच गए। यानी 5000 से मात्र 46 मरीज दूर रह गए हैं।
यह मिले पाॅजिटिव
ब्रह्मपुरी 11, साेड़ाला और प्रवासी 7-7, मानसराेवर, झाेटवाड़ा 5-5, एसएमएस अस्पताल 4, बस्सी, काेटपुतली, वैशालीनगर में 3-3, अादर्श नगर, अजमेर राेड, महेशनगर, सांभर,सिरसी, टाेंक फाटक 2-2, अामेर, भांकराेटा, सी-स्कीम, ईदगाह, गलता गेट, जयसिंह पुरा खाेर, जामडाेली, जमवारामगढ़, झालाना, ज्याेतिनगर, मालवीय नगर, फागी, रामगंज, सांगानेर, शास्त्रीनगर इलाके में 1-1 काेराेना पाॅजिटिव मिला।
कैसे रुके कोरोना: 90 दिन में एक भी लाइसेंस ठेलाकर्मी की स्क्रीनिंग नहीं हुई, तीन हजार ठेलाकर्मी बिला लाइसेंस के बेच रहे फल-सब्जियां
जयपुर में औसतन रोजाना 70 से 80 लोग कोरोना पॉजिटिव हो रहे हैं। लेकिन निगम अधिकारी सिर्फ खानापूर्ति में हैं। नगर अफसर निगम फल-सब्जी बेचने के लिए ठेलोकर्मियों को पीले रंग की कैप देकर स्क्रीनिंग करना भूल गए हैं। 90 दिन में एक भी ठेलाकर्मी की जांच नहीं हुई जबकि तीन हजार से ज्यादा ठेलाकर्मी फल-सब्जी बेच रहे हैं।
निगम ने 897 ठेलाकर्मियों को लाइसेंस दिया था। दरअसल निगम को लाइसेंस देने के बाद प्रत्येक ठेलाकर्मी की जोन स्तर पर मेडिकल जांच करानी थी। सीईओ ग्रेटर निगम दिनेश यादव का कहना है कि अगर निगम ने ठेलाकर्मियों को लाइसेंस दिए थे और उनकी मेडिकल जांच कराने का प्लान था तो मैं पता करता हूं।
प्रत्येक वार्ड में 10-10 ठेलाकर्मियों को लाइसेंस दिया था, 2100 से ज्यादा ठेलाकर्मी बिना लाइसेंस बेच रहे हैं
पड़ताल में आया निगम के रिकॉर्ड में 3 हजार ठेलाकर्मी है। 897 ठेलाकर्मी अधिकृत थे। प्रत्येक वार्ड में दस-दस ठेलाकर्मियों को फल-सब्जी बेचने के लिए लाइसेंस दिया था। शहर में लाइसेंसशुदा ठेलाकर्मियों के साथ में बिना लाइसेंस के 2100 ठेलाकर्मी भी फल-सब्जी बेच रहे है।
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