भारतीय खाद्य निगम राशन डीलरों को खाद्य सुरक्षा योजना में लाभार्थी परिवारों को वितरण के लिए सड़ा गेहूं भेज रहा है। इसकी बानगी सोमवार को बयाना में देखने को मिली। सड़ा व कीड़े लगे गेहूं देखकर राशन डीलरों ने विरोध जताया तथा नायब तहसीलदार कम प्रवर्तन निरीक्षक को सूचना देकर मौके पर बुलाया।

गेहूं की खराब क्वालिटी को देखते हुए एफसीआई प्रबंधक से मोबाइल पर बात कर सड़े गेहूं के 500 कट्टे से लदी गाड़ी को वापस भिजवा दिया। इससे राशन डीलरों की सतर्कता से खाद्य सुरक्षा योजना में चयनित परिवार सड़ा गेहूं खाने से बच गए।

जानकारी के अनुसार एफसीआई भरतपुर के गोदाम से सोमवार को 500 कट्टे गेहूं एक ट्रक के माध्यम से बयाना भेजा गया। जिसे कस्बे के चार वार्डों 13, 15, 18 व 19 के राशन डीलरों को देना था। लेकिन जब डीलरों ने कट्टे सुपुर्दगी में लिए और उन्हें खोल कर देखा तो गेहूं सड़ा हुआ था उसमें कीड़े पड़े हुए थे।

इसका डीलरों ने विरोध जताया। डीलरों ने बताया कि गेहूं वितरण के दौरान उपभोक्ता उनसे सवाल-जबाव करेंगे तथा वितरण के दौरान सिर-फुटोव्वल की नौबत आ सकती है। इसके बाद डीलरों ने नायब तहसीलदार कम प्रवर्तन निरीक्षक (रसद) मानवेन्द्र जायसवाल को मौके पर बुलाया तथा गेहूं दिखाए। इस पर नायब तहसीलदार ने एफसीआई भरतपुर की प्रबंधक से फोन पर वार्ता करने के बात गेहूं की गाडी को वापस भिजवा दिया।

आखिर जिम्मेदार अधिकारी क्यों नहीं देेते ध्यान
गोदामों में रखे गेहूं की उचित सार-संभाल नहीं होने से सैंकडों टन गेहूं खराब हो जाता है। अब सवाल ये है कि बयाना में तो राशन डीलरों की सतर्कता व विरोध के कारण खाद्य सुरक्षा योजना के उपभोक्ता सड़ा गेहूं खाने से बच गए लेकिन वापस भेजी गई गाडी के गेहूं के कट्टों को जिले के किसी दूसरे उपखंड को भेजा जा सकता है। ऐसे में सभी राशन डीलरों को सतर्क होने की ज़रुरत है।

  • राशन डीलरों की शिकायत पर मैंने मौके पर जाकर देखा तो वास्तव में ही गेहूं सड़े हुए थे तथा खाने योग्य नहीं थे। इस पर एफसीआई प्रबंधक से बात कर गेहूं को वापस भिजवा दिया गया। -मानवेन्द्र जायसवाल, नायब तहसीलदार कम प्रवर्तन निरीक्षक, बयाना


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