चिकित्सा मंत्री डॉ रघु शर्मा ने कहा है कि प्रदेश में अब 42 हजार टेस्ट प्रति दिन की क्षमता हासिल कर ली है। कोरोना के लक्षण नहीं होने पर भी संक्रमित लोगों लोगों की जल्द पहचान के लिए अब 12 हजार पल्स ऑक्सीमीटर खरीदे जाएंगे। इसके आधार पर प्रदेश में कोरोना से होने वाली मृत्यु दर को शून्य पर लाया जाएगा।

उन्होंने कहा कि जयपुर, जोधपुर और कोटा के बाद उदयपुर से भी प्लाज्मा थेरेपी के जरिए गंभीर कोरोना मरीजों का इलाज शुरू कर दिया गया है। जयपुर के एसएमएस अस्पताल से इसकी शुरू की थी। फिर अन्य मेडिकल कॉलेजों ने भी आईसीएमआर से अनुमति मांगी थी। जल्द ही बीकानेर और अजमेर को भी प्लाज्मा थेरेपी से इलाज की अनुमति मिल जाएगी।
डॉ शर्मा ने कहा कि विभाग द्वारा जल्द ही 12 हजार पल्स ऑक्सीमीटर खरीदे जाएंगे, जिनसे उन व्यक्तियों की पहचान आसानी से की जा सकेगी जो एसिंप्टोमेटिक या बिना लक्षण के हैं। सबसे ज्यादा चिंता बिना लक्षणों के कोरोना पॉजिटिव की है।

यदि इनकी समय रहते पहचान कर ली जाए तो कोरोना के प्रसार को काफी हद तक नियंत्रित किया जा सकेगा। चिकित्सा मंत्री ने कहा कि गंभीर रूप से पीड़ित लोगों को 40 हजार के इंजेक्शन लगाए गए हैं। यह प्रयोग काफी हद तक सफल भी रहा है।



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