मुस्लिम समुदाय शनिवार को ईद उल अजहा मनाएगा। इस बार कोविड-19 के चलते केसरगंज स्थित ईदगाह समेत विभिन्न मस्जिदों में ईद की नमाज नहीं होगी। शहर काजी मौलाना तौसीफ अहमद सिद्दीकी और अन्य उलेमाओं ने लोगों से घरों में ही नफ्ल नमाज अदा करने के लिए कहा है।
ईद उल अज़हा के मौके पर मुस्लिम समुदाय के लोग इस साल काेराेना की वजह से केसरगंज स्थित ईदगाह में ईद की नमाज़ अदा नहीं कर पाएंगे। शहर काजी मौलाना तौसीफ अहमद सिद्दीकी ने अपने बयान में कहा कि इस साल ईदगाह में ईद-उल-अज़हा कि नमाज़ अदा नहीं की जाएगी।
अकीदतमंद ईद की नमाज़ की जगह अपने घरों में 2 रकात नमाज चाश्त अदा करें। जिन साधन संपन्न लोगों पर कुर्बानी फर्ज है वह अपने घरों में कुर्बानी करें और साफ सफाई रखें।

दरगाह में जन्नती दरवाजा कल खुलेगा

ईद-उल-अजहा के मौके पर दरगाह में शनिवार सुबह जन्नती दरवाजा जियारत के लिए खोला जाएगा। खादिम सैयद कुतुबुद्दीन सखी ने बताया कि सुबह 4 बजे जन्नती दरवाजा खोल दिया जाएगा। इसके बाद यह दोपहर में करीब 2:30 बजे वापस मामूल कर दिया जाएगा। हर साल ईद के मौके पर यह दरवाजा खोला जाता है। कोरोना वायरस संक्रमण के चलते जायरीन की आवाजाही बंद होने की वजह से इस बार भी जन्नती दरवाजे के बाहर जायरीन की कतार नहीं दिखेगी।

दरगाह की मस्जिदों में भी नहीं होगी नमाज़
नाजिम शकील अहमद ने बताया कि कोरोना के कारण राज्य के समस्त धार्मिक स्थल बंद हैं। ऐसे में 1 अगस्त को दरगाह में पढ़ी जाने वाली ईद की सामूहिक नमाज दरगाह शरीफ में स्थित मस्जिदों में अदा नहीं की जाएगी।
ईद की जगह घरों में अदा करें चाश्त की नमाज | मुफ्ती-ए-शहर अजमेर मौलाना बशीरूल कादरी ने बयान जारी कर कहा कि कोरोना के दाैर में इज्तेमाई तौर से जब नमाज़ अदा नहीं कर सकते हैं तो अकीदतमंद सूरज निकलने के बीस मिनट बाद यानी सुबह लगभग 06 बजकर 20 मिनट के बाद चाश्त की नमाज अदा कर कुर्बानी कर सकते हैं।



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