बीमित फसल का क्लेम लेने के लिए किसान बैंकों के चक्कर काट रहे हैं। दो साल से कई किसानों के खातों में खरीफ फसल के खराबे का क्लेम नहीं आया। इस पूरे मामले में बैंकों की लापरवाही भी सामने अा रही है। बैंकों ने फसल का बीमा करवाने के बाद किसानाें के खाते से प्रीमियम राशि काटकर कंपनी को भुगतान कर दी। लेकिन बीमित फसल की पॉलिसी नंबर आज तक किसान के खाते में नहीं अाया और न ही किसानाें काे पाॅलिसी नंबर की जानकारी दी गई।

दिसंबर 2019 में बीमा कंपनी ने एक पखवाड़ा के लिए पोर्टल खोलते हुए बैंकों से वो सूची मांगी थी जिसमें किसानों की फसलों को बीमित किया था। बैंक व संबंधित कंपनी की लापरवाही रही कि पोर्टल खुलने के बावजूद कई किसानों के नाम कंपनी के पोर्टल पर नहीं चढ़ाए। इसी कारण बीमित फसल की पॉलिसी किसान के खाते में दर्ज ही नहीं हुई। इधर किसानों का कहना है कि उनके केसीसी खाता कई साल से हैं। खातों में आधार सहित जमीन की जमाबंदी व फोटो अादि की जानकारी बैंक शाखा में है।

ज्यादा मामले एसबीआई में अटके

रावला तहसील में केसीसी धारक किसानों के अधिकांश खाते एसबीआई शाखा में है। पंजाब नेशनल व हाल ही में ओबीसी से पंजाब नेशनल में मर्ज हुए बैंकाें में भी कई मामले अटके पड़े हैं। बैंक प्रबंधन सही रिकॉर्ड उपलब्ध कराने में रूचि नहीं दिखा रहे। सीट पर बैठे मौजूदा मैनेजर पिछले शाखा प्रबंधक पर लापरवाही बरतने की बात कहकर रहे हैं। संताेषजनक जवाब नहीं मिलने से किसान भटक रहे हैं। प्रभावित किसानों ने बताया कि बैंक प्रबंधन एक ही बात कह रहे हैं कि बीमा कंपनी से राशि आते ही खाताें में भुगतान कर दिया जाएगा।

3 साल से आंदोलित किसान, फिर धरने की चेतावनी

फसल खराबे के क्लेम को लेकर किसान धरना प्रदर्शन करते आ रहे हैं। धरना-प्रदर्शन से दबाव में आए बैंकों ने समय-समय पर खराबे का क्लेम उनके खातों में जमा भी किया है। फसल खराबे के क्लेम को लेकर किसान नेताओं की प्रशासन व बैंक अधिकारियों से दो साल से वार्ता होती आ रही है। किसान विष्णु भांभू ने बताया कि वार्ता में बैंक अधिकारी बीमा कंपनी पर क्लेम नहीं देने की बात कर रहे हैं। जबकि बैंक ने बीमित फसल का प्रीमियम काटने के बाद बीमा कंपनी से आज तक पॉलिसी नंबर तक नहीं लिए। पिछले दिनाें किसानों का प्रतिनिधि मंडल एसबीआई शाखा के मैनेजर सुनील गिरी से मिला। उन्हाेंने माना कि तत्कालीन स्टाफ की लापरवाही से समय पर किसानों की सूची बीमा कंपनी के पोर्टल पर अपलोड नहीं हुई। उन्होंने कहा कि पोर्टल खुलते ही सूची अपलोड की जाएगी। उधर किसानाें ने बेमियादी धरना देने की चेतावनी दी है।

शाखा प्रबंधकों का रटारटाया जवाब- कंपनी से आते ही भुगतान कर देंगे

एसबीआई से मिली जानकारी के अनुसार 2018 खरीफ में 252 किसानों के दस्तावेज मिसमेच होने से क्लेम नहीं आया। बैंक ने माना कि दिसंबर 2019 में खोले गए बीमा कंपनी के पोर्टल पर वंचित किसानों की सूची अपलोड नहीं हुई। इसी तरह 2019 में अकेली एसबीआई शाखा में 1900 केसीसी धारक किसानों के खातों से फसल बीमित कर बीमा कंपनी को भुगतान कर दिया लेकिन 732 खातों को छोड़कर बाकी किसानों की बीमित फसल की पॉलिसी नंबर बैंक में आज तक नहीं आए हैं। यही वजह है कि किसानों को बीमा कंपनी ने क्लेम देने से मना कर दिया। बैंक सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार रावला तहसील में ओबीसी, एसबीआई, पीएनबी में सैंकड़ों किसानों के खातों में बीमित फसल का क्लेम इसी वजह से नहीं आया कि बैंक ने किसानों की सूची बीमा कंपनी को अपलोड नहीं की।



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Banks cut crop insurance premium, company no. Not sent, farmers' claim stuck, crop damage in 2018-19, the amount has not yet come
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