जेएलएन मेडिकल कॅालेज के कार्डियोलॉजी विभाग में भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत भर्ती मरीजों के पैकेज में तय सीमा से अधिक राशि खर्च हाेने का मामला सामने आया है। बीते तीन सालाें में ह्रदय राेग संस्थान में 550 ऐसे कार्डियोलॉजी के मरीजों की सूची सामने आई है, जिनका भुगतान तय पैकेज से अधिक किया गया। यह राशि 8 कराेड़ से अधिक की बताई जा रही है।
एडवोकेट राजेश टंडन काे मिली सूचना में जेएलएन के आंतरिक जांच दल संख्या दाे ने वित्तीय वर्ष 2017 से लेकर 2019 तीन साल के ऐसे मरीजों की सूचना प्रिंसिपल और अधीक्षक दाेनाें काे सौंपी है। इसमें बीमा कंपनी से अतिरिक्त पैकेज की निरस्त हुई राशि का भुगतान राजस्थान मेडिकल रिलीफ सोसायटी से किया जाना बताया गया है, जबकि यदि प्रशासन चाहता ताे रिवर्स बिल भेजकर कंपनी काे भुगतान के लिए कह सकता था।
आराेप है कि इसी पैकेज में निजी अस्पतालों में हार्ट के ऑपरेशन हाे रहे हैं लेकिन जेएलएन में इससे अधिक राशि खर्च कराई जा रही है। जेएलएन में जांच, दवा, ऑपरेशन, भर्ती सहित सभी कुछ मुख्यमंत्री योजना के तहत फ्री है इसके बावजूद निजी अस्पतालों से अधिक बिल कार्डियोलॉजी यूनिट की ओर से कैसे बनाया जा रहा है।
ये हैं प्रमुख मामले
- एडवोकेट राजेश टंडन ने बताया कि मरीज हरकू देवी के मामले में 3 दिसंबर 2018 काे 1 लाख 28 हजार का पैकेज बुक हुआ। 1 लाख 47 हजार रुपए के उपकरण और अन्य की खरीद हुई। मरीज पर 19 हजार रुपए की राशि अतिरिक्त खर्च करना बताया गया।
- मरीज जैतून काे 16 अप्रैल 2018 काे 78 हजार के पैकेज के साथ भर्ती किया गया। लेकिन उपचार हुआ 1 लाख 25 हजार 948 रुपए का। 47 हजार 948 रुपए की अधिक खरीद हुई। यह राशि भी मेडिकल रिलीफ सोसायटी से जारी की गई।
- ओमप्रकाश के पैकेज पर 3 नवंबर 2011 काे 26 हजार 603 रुपए, मरीज पांचा राम पर 1 जनवरी 2019 काे 1 लाख 28 हजार के पैकेज पर 1 लाख 32 हजार 686 अधिक खर्च हुए।
ये हुआ नुकसान
- 1 अप्रैल से 2016 से मार्च 2017 तक 39 लाख 37 हजार 118 रुपए का नुकसान
- जनवरी 2016 से मार्च 2016 तक 5 लाख 78 हजार 135 रुपए का नुकसान
- अप्रैल 2017 से मार्च 2018 तक 87 लाख 89 हजार 860 रुपए का नुकसान
- अप्रैल 2018 से मार्च 2019 तक 49 लाख 50 हजार 300 रुपए का नुकसान हाेने का आराेप लगाया गया है।
इस मामले काे लेकर जेएलएन प्रिंसिपल डाॅ. वीबी सिंह, अधीक्षक डाॅ. अनिल जैन और कार्डियोलॉजी के विभागाध्यक्ष डाॅ. आर के गोखरु का पक्ष जानने का प्रयास किया गया लेकिन उनसे संपर्क नहीं हाे सका।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today Via Dainik Bhaskar https://ift.tt/1PKwoAf
0 comments:
एक टिप्पणी भेजें