कांकरदा भूणाबाय में जयपुर राेड पर अवस्थित दीपक नगर याेजना में संचालित अस्थाई प्राइवेट बस स्टैंड की जमीन का विवाद हाईकाेर्ट पहुंच गया है। कांकरदा निवासी किशनलाल पंचाेली ने विवादित जमीन का खातेदार बताते हुए एडीए सहित राज्य सरकार और नगरीय विकास विभाग के खिलाफ रिट की है। हाईकाेर्ट की एकलपीठ ने मंगलवार काे प्रकरण की प्रारंभिक सुनवाई करते हुए विपक्षीगण काे नाेटिस जारी कर जवाब तलब किया है, वहीं विवादित स्थल की यथास्थिति बनाए रखने के आदेश दिए हैं।
याचिकाकर्ता किशनलाल पंचाेली ने दायर याचिका में कहा है कि जमीन उसकी पुश्तैनी खातेदारी की है। यूआईटी ने 16 नवंबर 1992 काे दीपक नगर आवास योजना के लिए कांकरदा भूणाबाय में जमीन अवाप्त की थी और इसका अवार्ड 10 मार्च 1995 काे जारी किया गया। याचिकाकर्ता का कहना है कि 25 साल गुजर गए हैं न ताे याेजना अस्तित्व में आई है न ही जमीन का कब्जा लिया गया। यूआईटी ने न्यास बैठक में 7 जुलाई 2006 काे जमीन का बस स्टैंड के लिए उपयाेग करने के लिए परिभ्रमण प्रस्ताव पारित किया था, जाे कभी पुष्ट नहीं हुआ।
अब एडीए इस जमीन काे डि नाेटिफाइड करने की बजाए झाड़िया वगैरह हटाकर कब्जे में लेने का प्रयास कर रही है। एडीए बाेर्ड की 9 मार्च 2016 काे हुई बैठक में दीपक नगर याेजना काे रद्द करने का प्रस्ताव रखा गया था। किशनलाल का कहना है कि खातेदार हाेने के आधार पर जमीन पर बैंक से ऋण भी लिया हुआ है। ऐसे में एडीए काे जमीन पर किसी भी तरह की कार्रवाई का अधिकार नहीं है। याचिकाकर्ता ने जमीन काे अवाप्ति से मुक्त किए जाने और स्थिति में परिवर्तन नहीं करने की गुहार लगाई है।
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