बांसवाडा-उदयपुर मुख्य मार्ग पर स्थित बीएमडी मोरड़ी मिल के पुराने श्रमिकों को कंपनी में स्थाई रूप से वापस लगाने की मांग को लेकर सुबह 7 बजे चालू होने वाली शिफ्ट पर कुछ श्रमिक काम पर नहीं जाने और रात वाली शिफ्ट से छूटने वाले श्रमिकों ने एक होकर पुराने श्रमिकों के समर्थन उन्हें काम पर वापस लगाने की मांग को लेकर मिल गेट के सामने नारेबाजी कर प्रदर्शन किया।
श्रमिक गेट के सामने बांसवाडा-उदयपुर मुख्य मार्ग पर सैकड़ों श्रमिकों का जमावड़ा होने की सूचना पर सदर थाने से हैड कांस्टेबल दशरथसिंह सहित जाब्ता पहुंचा। पुलिस ने समझाइश का प्रयास किया तो श्रमिक इधर उधर सड़कों पर बिखेर गए। लगभग 2 घंटे तक चले हंगामे के बाद श्रमिक काम पर लौटे।
इस बीच इन श्रमिकों की मांग को लेकर बड़लिया ग्राम पंचायत के सरपंच रमेश भगोरा, चंदूजी का गढ़ा सरपंच पति लाला भाई सारेल, मोरड़ी नीचली सरपंच पति भरत डामोर, दौलतसिंह का गढा सरपंच बलवंत निनामा, ईसरवाला सरपंच पति मोहन मईड़ा सहित 5 ग्राम पंचायतों के सरपंच भी मौके पर पहुंचे और श्रमिकों की मांगों के समर्थन में आगे होकर पुराने श्रमिकों को कंपनी में स्थाई रूप से वापस लगाने की मांग की।
सरपंचों और जनप्रतिनिधियों ने बताया कि यहां जब से मिल चालू हुई तभी से स्थानीय श्रमिकों का योगदान रहा है और आज भी अपनी सेवा दे रहे हैं, ऐसे में स्थानीय श्रमिकों को प्रथम प्राथमिकता से कार्य मिलना चाहिए। इधर, मिल प्रबंधन का कहना है कि अभी जो श्रमिक कार्यरत है उनमें 90 प्रतिशत स्थानीय श्रमिक ही हैं।
कोरोना काल में भी सभी को कार्य दिया जा रहा है। प्रोडक्शन कम होने से आगे से बिक्री कम होने के बावजूद भी घाटा खाकर भी मिल को चालू रखी जा रही है और श्रमिकों का रोजगार यथावत रखा है। पुराने श्रमिक जो कार्य छोड़कर चले गए हैं, उन्हें भी वापस लगाया जाएगा।
दो घंटे की समझाइश के बाद माने श्रमिक
बीएमडी मोरड़ी मिल के गेट के सामने करीब दो घंटे तक चले घटनाक्रम के बाद मिल प्रबंधन एवं पुलिस की समझाइश के बाद मामला शांत हुआ और श्रमिक काम पर लौटे। इधर, पांच ग्राम पंचायतों के सरपंचों ने मिल प्रबंधन को श्रमिकों के हित में तीन दिन में फैसला लेकर पुराने श्रमिकों को स्थाई रूप से कंपनी में वापस लगाने की मांग की है।
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