प्रदेश में फिलहाल 3 लाख 50 हजार से ज्यादा खेतों में लगे ट्यूबवेल व कुओं में बिजली कनेक्शन नहीं होने से सिचाई वाली रबी फसल व सब्जियों की पैदावार नहीं हो रही है। सरकार ने जयपुर, जोधपुर व अजमेर डिस्काॅम को इस साल 50 हजार बिजली कनेक्शन देने के लिए कहा है। इसके बावजूद तीन लाख से कनेक्शन बकाया रह जाएंगे।

इसमें से ज्यादातर किसान पांच साल पहले से कनेक्शन का आवेदन कर चुके, लेकिन कृषि कनेक्शन व उपभोग पर सब्सिडी होने के कारण सरकार किसानों में सालों में कतार में लगाए हुए है। मुख्यमंत्री की घोषणा के बावजूद इन 50 हजार किसानों को भी रबी फसल के बाद ही कनेक्शन मिलेंगे, ताकि बिजली कंपनियों पर आर्थिक भार नहीं आए। कनेक्शन मिलने की देरी के कारण किसान इस साल गेहूं, जौ, सरसो, टमाटर, गोभी, मिर्ची सहित अन्य फसलों की बुआई नहीं कर पाएंगे।

किसान व जमींदार की बिजली का अलग हो चार्ज
वर्तमान में 50 से सौ बीघा जमीन के जमींदार और दो बीघा जमीन के सामान्य किसान से बिजली कनेक्शन समान चार्ज वसूल कर कनेक्शन देते है। माना जाता है कि किसान व जमींदार को दिए जाने कनेक्शन का चार्ज अलग हो तो किसानों को सुविधा हो सकती है।

ऊर्जा मंत्री ने कहा - सरकार ने दिए सबसे ज्यादा कनेक्शन
ऊर्जा मंत्री बीडी कल्ला का कहना है कि मौजूदा सरकार ने एक लाख 40 कृषि कनेक्शन दिए है। यह किसी भी सरकार की ओर से एक साल में दिए सबसे ज्यादा कनेक्शन है। इस साल 50 हजार कनेक्शन सामान्य श्रेणी से देंगे। वहीं ड्रिप इरिगेशन व अन्य योजनाओं में कनेक्शन दे ही रहे है।



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