कोविड में आर्थिक संकट से जूझता आम आदमी अब राजस्थान में मुफ्त इलाज की सुविधाओं से भी वंचित हो गया है। क्यूंकि सरकार द्वारा निजी हॉस्पिटलों का पैसा रोके जाने पर उन्होंने योजना का बहिष्कार कर दिया है। जिला अध्यक्ष डॉ बीएल रणवा ने बताया कि इस योजना को सुचारू रूप से सरकार चला ही नहीं पाई। पहले योजना की भागीदार बनने को कोई भी बीमा कंपनी तैयार नही हुई। तीसरी बार निविदा के बाद वापस पहले वाली बीमा कम्पनी न्यू इंडिया को टेंडर दिया।
यहीं से निजी असपतालों का विरोध शुरू हुआ क्यूंकि न्यू इंडिया ने पहले ही निजी हॉस्पिटलों के करोड़ों रुपए रोक लिए। शेखावाटी प्राइवेट हॉस्पिटल एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री सहित सभी अधिकारियों को पत्र लिखकर कहा जब तक कम्पनी पूर्व क्लेम्स का निस्तारण नही करती वो योजना में सहभागी नहीं बनेंगे। 15 अगस्त को लांच की गई योजना में डेढ़ महीने गुजर जाने के बाद भी तीनो जिलों में मात्र 2 हॉस्पिटलों ने योजना में आवेदन किया। इसलिए निजी हॉस्पिटलों के नही जुड़ने के कारण लोगो मुश्किलें हो रही है।
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