हाईकोर्ट की खंडपीठ ने एकलपीठ के 7 सितंबर को दिए उस आदेश पर 9 अक्टूबर तक अंतरिम रोक लगा दी है जिसके तहत अदालत ने निजी स्कूलों को ट्यूशन फीस का 70% वसूलने की छूट दी थी। वहीं, खंडपीठ ने कहा कि इस दौरान फीस जमा नहीं कराने वाले बच्चों के खिलाफ कोई भी दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जाए।

सीजे इन्द्रजीत महान्ति व जस्टिस महेन्द्र गोयल की खंडपीठ ने यह अंतरिम निर्देश गुरुवार को अधिवक्ता सुनील समदड़िया और राज्य सरकार की अपील व शशांक अग्रवाल की पीआईएल पर संयुक्त सुनवाई करते हुए दिया। अदालत ने मामले की सुनवाई 5 अक्टूबर तय की है। अपील में कहा गया था कि एकलपीठ ने प्रोग्रेसिव स्कूल्स एसोसिएशन को मुख्य प्रार्थी मानते हुए आदेश दिया था, जबकि यह संस्था पंजीकृत ही नहीं है।

जबकि राज्य सरकार की ओर से एएजी राजेश महर्षि ने कहा कि स्कूल फीस को केवल स्थगित किया था। इसके अलावा निजी स्कूलों ने अदालत में यह ब्योरा नहीं दिया है कि लॉकडाउन के दौरान उनका कितना खर्च हुआ था।


अदालत ने सभी पक्षकारों को सुनकर एकलपीठ के अंतरिम आदेश पर 9 अक्टूबर तक रोक लगा दी। दरअसल एकलपीठ ने 7 सितंबर को प्रोग्रेसिव स्कूल्स एसोसिएशन व अन्य की याचिका पर दिए गए अंतरिम आदेश में स्कूल संचालकों को छूट दी थी कि वे अभिभावकों से ट्यूशन फीस का 70 फीसदी 31 जनवरी 2021 तक किस्तों में वसूल सकते हैं।

निजी स्कूलों की दलील
शिक्षकों काे वेतन कैसे देंगे? अभिषेक सिंघवी करेंगे पैरवी

निजी स्कूलों की दलील है कि अगर फीस नहीं मिलेगी तो ऑनलाइन पढ़ा रहे शिक्षकों का वेतन कैसे देंगे? इस मामले में अब अभिषेक मनु सिंघवी सोमवार को निजी स्कूलों की ओर से पैरवी करेंगे। वहीं, राज्य सरकार की दलील है कि स्कूल बंद होने के चलते संचालकों के खर्चे बचे हैं और इसका फायदा अभिभावकों को मिलना चाहिए।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
फाइल फोटो
Via Dainik Bhaskar https://ift.tt/1PKwoAf

Advertisement

0 comments:

एक टिप्पणी भेजें

 
Top