कोविड जैसी महामारियों में स्थायी रूप से मरीजों को एडमिट करने के लिए एमबीएस अस्पताल में प्रस्तावित इन्फेक्शियस डिजीज सेंटर को लेकर शनिवार को मेडिकल कॉलेज व यूआईटी के इंजीनियरों की साझा बैठक हुई। करीब एक घंटे चली बैठक में मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने अपनी रिक्वायरमेंट से इंजीनियरों को अवगत कराया और बाद में सभी ने सामूहिक रूप से जाकर मौका देखा।
इसमें सामने आया कि पुराने टीबी वार्ड की बिल्डिंग को तोड़ा जाएगा और यदि बहुत ज्यादा जरूरत हुई तो एक पुराने क्वार्टर को भी तोड़ा जा सकता है। मोर्चरी के ठीक निकट बनने वाले इस भवन का एंट्रेंस सूचना केंद्र वाले रोड की तरफ मिलिट्री डेंटल विंग के सामने से होगा।
प्रिंसिपल डॉ. विजय सरदाना ने बताया कि यूआईटी के एक्सईएन व अन्य अधिकारियों के साथ उनके आर्किटेक्ट भी आए, जिन्होंने हमारी जरूरतों पर बात की। इसे लेकर डॉ. दीप्ति शर्मा, डॉ. प्रीति गुप्ता व डॉ. गोपी किशन की एक कमेटी हमने पहले से बनाई हुई है, जिसने अपनी जरूरतों का प्रस्ताव उन्हें सौंपा। इसमें करीब 20 हजार वर्ग फीट निर्माण की आवश्यकता बताई गई है। बजट का प्रारंभिक अनुमान 10 करोड़ है।
सुपर स्पेशियलिटी विंग में शुरू होगा डे केयर सेंटर
कोविड के कम गंभीर मरीजों के लिए अब मेडिकल कॉलेज परिसर स्थित सुपर स्पेशियलिटी विंग में डे केयर सेंटर शुरू किया जाएगा। यह सेंटर ऐसे मरीजों के लिए होगा, जिन्हें किसी तरह की ऑक्सीजन रिक्वायरमेंट नहीं है, लेकिन रोजाना इंजेक्शन लगवाने पड़ रहे हैं या फिर किसी तरह की ड्रिप लगानी पड़ रही है।
150 बेड का होगा सेंटर
प्रिंसिपल डॉ. विजय सरदाना ने बताया कि उक्त बिल्डिंग में बेसमेंट में पार्किंग, ग्राउंड फ्लोर पर ओपीडी ब्लॉक, फ़र्स्ट फ्लोर पर 20-20 बेड के दो जनरल वार्ड, सैकंड फ्लोर पर 20-20 बेड के दो आइसोलेशन वार्ड, थर्ड फ्लोर पर 20 बेड का आईसीयू और 20 बेड का एचडीयू (हाई डिपेंडेंसी यूनिट) तथा चौथे माले पर 20 अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त आइसोलेशन रूम तैयार करने की मांग रखी गई है। हमारे हिसाब से इसका कंस्ट्रक्शन करीब 20 हजार वर्ग फीट रहेगा। तकनीकी एंगल से यूआईटी के इंजीनियर इसे अंतिम रूप देंगे। इसमें कुल 150 बेड होंगे।
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