
महावीर नगर के हरिओम नगर में पुलिस ने नकली शराब की फैक्ट्री पकड़ी है। पुलिस ने माैके से एक युवक को गिरफ्तार किया, लेकिन मुख्य आरोपी मकान मालिक फरार हो गया। पुलिस ने मौके से 14 पेटी अवैध शराब, खाली बारदाना, मंहगी ब्रांडेड कंपनियाें के रेपर, ढक्कन व पैकिंग शील सहित अन्य सामान बरामद किए हैं।
एसपी गौरव यादव ने बताया कि महावीर नगर सीआई राजेन्द्र सिंह एवं एएसआई सतवीर सिंह को मुखबिरों से सूचना मिली कि हरिओम नगर में एक मकान में अवैध नकली शराब बनाने का कारखाना चल रहा है। इसके बाद गोपनीय टीम बनाकर दबिश दी गई तो मकान में अवैध शराब बनाने का काम चल रहा था।
पुलिस ने मौके से पांच पेटी नींबू स्पेशल देसी शराब, तीन पेटी रॉयल स्टैग व्हिस्की के पाैवे कुल 144 पाैवे, तीन पेटी चौतक क्लासिक व्हिस्की पाैवे, दो पेटी देसी मदिरा के पाैवे, मेक्डोवल नंबर वन के 10 पाैवे, शराब से भरी एक जरिकेन, इंप्यूरल ब्लू व्हिस्की के 10 पाैवे, पांच पेटी रॉयल क्लासिक व्हिस्की खाली पाैवे, मेक्डोवल नंबर वन के 116 खाली पाैवे और 83 केवल ढक्कन, इंप्यूरल ब्लू विस्की के 47 खाली पाैवे 24 ढक्कन व उपकरण एक बाल्टी स्टील की दो कीप प्लास्टिक के 3 कटर लोहे जिन पर प्लास्टिक का सफेद कवर सहित व अन्य सामान बरामद किया है।
पुलिस ने मामले में बलराज सिंह चौहान उर्फ बल्लू पुत्र कालू सिंह चौहान उम्र 27 साल निवासी आमली बटार थाना मेघनगर जिला झाबुआ (मध्यप्रदेश) हाल सांवरिया मन्दिर के पास हरिओम नगर थाना महावीर नगर को गिरफ्तार किया है। वहीं, मुख्य आरोपी मकान मालिक लोकेश को नामजद करके उ सकी तलाश शुरू कर दी है।
निगम चुनावों में सप्लाई की शराब, होगी जांच
यह कारखाना 26 अक्टूबर से शुरू हुआ है और निगम चुनावों में जमकर शराब बेची है। यह लोग कमरे बदल-बदलकर रहते हैं और अपना काम करते हैं ताकि किसी को शक नहीं हो। सीआई राजेन्द्र सिंह का कहना है कि पुलिस जांच कर रही है कि किस-किस ने इनके पास से शराब खरीदी और कहां-कहां सप्लाई की गई।
ज्यादा पैसे कमाने के लालच में कर रहे थे काम
सीआई राजेन्द्र सिंह ने बताया कि पूछताछ में गिरफ्तार बलराज ने बताया कि वह अपने दोस्त के साथ नकली शराब बनाने का काम करता है। दोनों काफी समय से अवैध शराब के काम से जुड़े हुए हैं। नगर निगम चुनाव में ड्राईडे होने के कारण ज्यादा पैसे कमाने का लालच आया, जिस पर सस्ती शराब को नकली अंग्रेजी शराब बनाने का कारखना चलाने का सोचकर शराब बनाने का काम सीखा। इसके बाद उपकरण, बारदाना विभिन्न प्रकार के महंगी ब्रांड के रेपर, ढक्कन की व्यवस्था कर शराब बनाने का घर पर ही कार्य शुरू कर दिया।
जान खतरे में डाल सकती है जहरीली शराब
इस शराब को तैयार करने के लिए आराेपी रंग, फ्लेवर व अन्य पदार्थों का इस्तेमाल करते हैं। सीआई राजेन्द्र सिंह ने बताया कि पुलिस ने उक्त मामले में आबकारी अधिनियम की सामान्य धाराओं के अलावा एक्साइज एक्ट की 54/3 और 420 जैसी धाराएं जोड़ी हैं। क्योंकि इस शराब से जन सामान्य की जीवन खतरे में डाला गया है और ऐसे अमानक पदार्थाें का इस्तेमाल करने से शराब जहरीली भी हो सकती है। इन धाराओं में आजीवन कारावास तक का प्रावधान है।
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