
मार्च में शुरू हुआ कोरोना ग्रहण इस साल हर पर्व-त्योहार की रौनक निगल चुका है। इसने दिवाली को भी नहीं बख्शा है। नगर निगम दशहरा-दीपावली मेला पहले ही निरस्त कर चुका, अब व्यापारिक संगठनों ने भी तय किया है कि बाजार नहीं सजेंगे। यानी इस बार वैसी सजावट-रोशनी नहीं होगी, जैसी हर दिवाली पर होती आई है। यानी न शहर के प्रमुख बापू बाजार में जगमग होगी, न बैंड-ऑर्केस्ट्रा ग्रुप की प्रस्तुतियां और न
शहरवासियों का आधी रात तक उमड़ने वाला रेला ही होगा। बापू बाजार में 28 साल से हो रही सजावट प्रतियोगिता भी नहीं होगी। प्रतियोगिता के मेजबान चैंबर ऑफ कॉमर्स, उदयपुर डिविजन के अध्यक्ष पारस सिंघवी का कहना है कि कोरोना संक्रमण की रफ्तार कम नहीं पड़ी है, ऐसे में भीड़ जुटाने जैसा ऐसा कोई कदम नहीं उठाएंगे, जिससे शहर पर कोई जोखिम आए। बता दें, बाजार सजावट स्पर्धा में शहर की करीब तीन दर्जन
से ज्यादा व्यापारिक संगठन हिस्सा लेते थे। सजावट और रोशनी देखने दिवाली की रात 50 हजार से ज्यादा शहरवासी जुटते थे। प्रथम विजेता संगठन को ट्राॅफी, दूसरे और तीसरे स्थान वाले को स्मृति चिह्न दिया जाता था। साथ ही 10 को सांत्वना पुरस्कार दिया जाता था।
बापू बाजार : 5 में से 1 ही संगठन करेगा सजावट, यानी एक हिस्सा ही होगा रोशन
बापू बाजार में पांच व्यापार संगठन हैं। इन संगठनों से सूरजपोल छोर से बैंक तिराहा (देहली गेट के पास) के सैकड़ों व्यापारी जुड़े हैं। मध्य बापू बाजार संघ, बापू बाजार सर्कल एसोसिएशन, बापू बाजार बैंक तिराहा व्यापार मंडल और बापू बाजार व्यापारी संघ ने सजावट नहीं करना तय किया है। जबकि नाड़ा खाड़ा के सामने सूरजपोल क्षेत्र के बापू बाजार व्यापार मंडल अध्यक्ष विश्वेंद्र सिंह पंवार ने बताया कि बाजार सजाएंगे। इससे ग्राहक आएंगे। डेकोरेशन से बाजार में सकारात्मक माहौल बनता है।
भटि्टयानी चौहट्टा : 25 हजार से ज्यादा शहरवासी देखने आते थे रोशनी
समोर बाग से जगदीश मंदिर के बीच महालक्ष्मी मंदिर मार्ग पर भट्टियानी चौहट्टा दीपोत्सव समिति डेकोरेशन करती है। अध्यक्ष कीर्ति व्यास ने बताया इस साल महालक्ष्मी दर्शन और सजावट देखने के लिए पांच दिन तक रोज 25 हजार से ज्यादा शहरवासी आते हैं। इस बार भीड़ नहीं करने की गाइड लाइन है तो सजावट भी नहीं की जाएगी। इस बाजार में 200 से ज्यादा दुकानें हैं।
बड़ा बाजार : सजावट में खर्च होने वाली रकम से करेंगे जरूरतमंदों की मदद
बड़ा बाजार क्षेत्र में कपड़ा और सर्राफा की 300 से ज्यादा दुकानें हैं। व्यापार संघ के अध्यक्ष अजय पाेरवाल ने बताया कि इस बार बाजार में सजावट की तड़क-भड़क नहीं रखेंगे। हालांकि यह डेकोरेशन 2004 से बिना किसी व्यवधान के होता आया है। सजावट में जो भी पैसा खर्च होता है उसे इस कोरोना पीड़ित मरीजों और जरूरतमंदों की मदद के लिए खर्च किया जाएगा।
शक्ति नगर : अपनी-अपनी दुकानें सजाएंगे व्यापारी
शक्ति नगर क्षेत्र में रेडिमेड, हार्डवेयर, बेकरी और डेयरी समेत अन्य सामानों की 150 से ज्यादा दुकानें हैं। व्यापार मंडल के अध्यक्ष मुकेश माधवानी ने बताया कि इस बार सामूहिक सजावट नहीं की जाएगी। व्यापारी अपने-अपने हिसाब से दुकानों पर लड़ियां और दीपक जलाएंगे। अब तक सब मिलकर बाजार सजाते आए हैं।
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