
शहर के प्रतापनगर इलाके में दशहरा पर दहन के लिए खड़े रावण को थाने ले जाने के मामले में प्रतापनगर थाना पुलिस ने शनिवार को कोर्ट में रिपोर्ट पेश कर दी, लेकिन पीठासीन अधिकारी के छुट्टी पर होने के कारण मामले में सुनवाई 5 नवंबर तक टल गई। वहीं पुलिस ने कोर्ट में पेश की गई रिपोर्ट में कहा कि पुलिस ने कोविड प्रोटोकॉल की पालना में रावण के पुतले को लाकर थाने में सुरक्षा के लिए रखा था।
पुलिस पुतले को जब्त नहीं किया है। किसी से दुर्व्यवहार भी नहीं किया गया है। दशहरा के दिन प्रतापनगर थाना इलाके में धारा 144 लगी हुई थी। इसके बावजूद भी मौके पर आयोजकों के एकत्र होने पर अब उनके खिलाफ धारा 188 के तहत कार्रवाई की जाएगी।
पुलिस को सूचना दी थी, फिर भी धमकाया
वहीं अधिवक्ता विकास सोमानी ने बताया कि प्रताप नगर केन्द्रीय विकास समिति की ओर से कोर्ट में प्रार्थना पत्र पेश कर कहा है कि समिति पिछले बीस साल से दहशरा मेले का आयोजन कर रावण दहन कर रही है। कोरोना के चलते इस बार मेले का आयोजन ना कर समिति के पांच पदाधिकारियों की उपस्थिति में रावण दहन का निर्णय लिया गया।
इसकी सूचना पुलिस को दी गई थी। इसके बावजूद पुलिस ने पदाधिकारियों को धमकाकर मौके से रावण को थाने ले गई। समिति ने धारा 144 का उल्लंघन नहीं किया है। इसलिए पुतला समिति की संपत्ति होने के कारण सुपुर्दगी पर छोड़ा जाए।
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