जिले में सितंबर से लगातार चुनावों के चलते गत तीन माह से लगभग 4000 ईडब्ल्यूएस बनवाने के लिए ऑनलाइन किए गए आवेदन लंबित पड़े हैं । इससे पहले अप्रेल से जुलाई तक कोरोना लॉकडाउन के कारण से ईडब्ल्यूएस प्रमाण पत्रों के बनने में देरी हुई।
सिंतबर में पंचायत, अक्टूबर व नवंबर में नगर निगम और अब 10 नगर पालिकाओं के चुनाव चल रहे हैं। ऐसे में जिला प्रशासन और उपखंड अधिकारी व स्टॉफ अधिकतर चुनाव में लगा है।
ज्यादा आवेदन ग्रेजुएट के कॉलेज शिक्षा के अधिकतर रिजल्ट अगस्त व सितंबर में आने के कारण ग्रेजुएशन करने के बाद और सरकार की नई भर्तियों के कारण जिले में बड़ी संख्या में ईडब्ल्यूएस के लिए आवेदन किए गए हैं। लॉक डाउन के दौरान करीब 3 माह तक ईडब्ल्यूएस आवेदन नहीं बन पाए थे।
जाति प्रमाण पत्र को लेकर होती है समस्या
आवेदन पत्र में जाति का साक्ष्य बेहद जरुरी दस्तावेज है। सर्टिफिकेट के लिए सामान्य वर्ग के पास जाति प्रमाण पत्र नहीं होने से उनको सामान्य वर्ग का दर्शाने में परेशानी होती है। ग्रामीण क्षेत्रों में पुश्तैनी कृषि जमीन में जाति दर्शाई हुई है जबकि शहर व कस्बों के अधिकतर युवाओं के पास कृषि जमीन नहीं होने से जाति दर्शाने परेशानी है। शपथ पत्र के साथ गजेटेड अधिकारियों के हस्ताक्षर करवाने होते हैं।
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