काेराेनाकाल में साेमवार काे कार्तिक मास की पूर्णिमा व गुरुनानक जयंती है। इस दिन शुभ मुहूर्त हाेने से शहर सहित जिले भर में 300 से अधिक शादियां हाेंगी। इस वजह से शहर के अधिकांश हाॅल, हाेटल व गार्डन बुक हैं। देवउठनी एकादशी के बाद यह दूसरा शुभ याेग है।
शास्त्राें के अनुसार इस दिन पवित्र नदियाें में स्नान करने की परंपरा है। स्नान के बाद दीपदान, पूजा, आरती और जरूरतमंदाें काे दान किया जाएगा, लेकिन इस बार काेराेना के कारण सामूहिक स्नान नहीं हाे पाएंगे। एक अन्य मान्यता है कि इस दिन देवताओं की दीपावली हाेती है। इसलिए इसे देव दीपावली भी कहते हैं। गुरुनानक जयंती जी ब्लाॅक स्थित गुरुद्वारा श्री गुरुनानक दरबार में श्रद्धापूर्वक मनाई जाएगी। गुरुद्वारा परिसर के बाहर व अंदर रंग-बिरंगी लाइटाें से सजावट की गई है।
गुरुद्वारा गुरुनानक दरबार में संगत के प्रवेश और निकासी के लिए दो अलग-अलग गेट पर व्यवस्था
गुरुद्वारा प्रधान गुरबचन सिंह वासन के मुताबिक समागम में कोरोना गाइडलाइन की सख्ती से पालना करते हुए मास्क पहनकर आए श्रद्धालुओं को ही गुरुद्वारा साहिब में प्रवेश करने दिया जाएगा। संगत को बैठकर कीर्तन श्रवण व लंगर खाने की अनुमति नहीं दी जाएगी। इस बार फिजिकल डिस्टेंसिंग की पालना करते हुए गुरुद्वारा साहिब में संगत के प्रवेश व निकासी हेतु दो अलग-अलग गेट पर व्यवस्था की गई है।
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