
शास्त्री नगर से एक जुलाई 2019 को सात साल की मासूम का अपहरण कर दुष्कर्म करने के अभियुक्त विजय नगर कच्ची बस्ती निवासी सिकंदर उर्फ जीवाणु उर्फ जावेद को जयपुर मेट्रो-द्वितीय की पोक्सो कोर्ट-3 ने मृत्यु होने तक उम्रकैद सुनाई है। कोर्ट ने दुष्कर्म के इस केस में जीवाणु को मृत्युदंड की सजा देने से यह कहते हुए इंकार कर दिया था कि जीवाणु का अपराध पोक्सो एक्ट में संशोधन से पहले का है और इस केस में ऐसी परिस्थितियां नहीं हैं जिन्हें दुर्लभतम से दुर्लभतम की श्रेणी में माना जाए। ऐसे में अभियुक्त को उसकी बकाया उम्र तक जेल में रखने की सजा देना न्यायोचित होगा। दरअसल पॉक्सो एक्ट में संशोधन केन्द्रीय मंत्रीमंडल से मंजूरी मिलने के बाद 24 जुलाई 2019 को राज्यसभा से पारित हुआ था।
अभियोजन ने मांगी थी मृत्युदंड की सजा
विशेष लोक अभियोजक महावीर सिंह किशनावत ने बताया जीवाणु के पॉक्सो एक्ट के अपराध, चोरी, हत्या व दुष्कर्म जैसे अपराधों का आदतन अपराधी होने का हवाला देकर उसके लिए मृत्युदंड मांगा था। कोर्ट ने मामले की परिस्थितियां व अपराध एक्ट में संशोधन से पहले का होने के कारण अभियोजन की मृत्युदंड की गुहार खारिज कर दी।
एक्सपर्ट व्यू: आपराधिक मामलों के अधिवक्ता दीपक चौहान का कहना है केन्द्र ने 24 जुलाई 2019 को पॉक्सो एक्ट-2012 को संशोधित किया। संशोधित प्रावधानों में 12 तक साल की बच्चियों से दुष्कर्म के लिए उम्रकैद व जुर्माने के अलावा मृत्युदंड का भी प्रावधान किया गया। हालांकि नाबालिग से दुष्कर्म में मृत्युदंड की सजा परिस्थितियों व अपराध की प्रकृति पर भी निर्भर करता है।
दुष्कर्म के एक और मामले में जीवाणु के खिलाफ पुलिस ने 40 गवाह खड़े किए, 23 के बयान हुए
सीरियल रेपिस्ट जीवाणु काे दुष्कर्म के एक मामले में आजीवन कारावास की सजा मिल चुकी है जबकि दूसरे मामले में गवाहाें के बयान काेर्ट में चल रहे हैं। 23 जून काे शास्त्री नगर में चार साल की बालिका से दुष्कर्म के मामले में पुलिस अभी काेर्ट में गवाहाें के बयान करवा रही है। इस मामले काे भी पुलिस ने केस ऑफिसर स्कीम में ले रखा है और सब इंस्पेक्टर प्रभू सिंह काे केस ऑफिसर बना रखा है।
मामले में पुलिस ने चालान पेश कर 40 गवाह खड़े किए। इनमें पुलिस ने बालिका के परिजन, पुलिस अधिकारी, डाक्टर्स सहित 23 लाेगाें के बयान करवा दिए। शेष बयान काेराेना संक्रमण के कारण नहीं हाे सके। अब जल्द ही पुलिस इन गवाहाें के बयान करवाएगी।
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