मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के गृह क्षेत्र में नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल शनिवार को अपने विभाग के 6 आला-अधिकारियों के साथ 5 घंटे तक विभिन्न इलाकों में घूमे। प्रस्तावित विकास कार्यों का मौका देखा और अफसरों से इनमें आ रही अड़चनों के बारे में चर्चा भी की।

दो दिवसीय प्रवास के पहले दिन शहर का ट्रैफिक प्लान, हेरिटेज व सौंदर्यीकरण के साथ-साथ आधारभूत ढांचागत विकास को प्राथमिकता देते हुए उसकी संभावनाओं को टटोला, लेकिन ‘समाधानों’ से सोशल डिस्टेंस ही रखी। हालांकि रविवार सुबह यूडीएच मंत्री एक दर्जन स्थानों पर भ्रमण कर योजनाओं का मौका देखने के बाद उन पर मंथन करेंगे।

ऐसे में संभावना है कि वे बैठक कर कुछ महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट धरातल पर उतारने का फैसला ले सकते हैं। हालांकि शहर को उनके दौरे से काफी उम्मीदें हैं, लेकिन पहले दिन के दौरे से ऐसा लग नहीं रहा है कि वे मुख्यमंत्री के गृह क्षेत्र में विकास को लेकर कोई घोषणा करेंगे।

आज बैठक में मंथन होगा, कुछ पर फैसले की उम्मीद
यूडीएच मंत्री धारीवाल रविवार को यूडीएच के प्रिंसिपल सेक्रेट्री भास्कर ए सावंत व डीएलबी निदेशक दीपक नंदी के अलावा 5 अन्य आला अधिकारियों और जेडीए, निगम, पीडब्ल्यूडी के अलावा अन्य विभाग के अफसरों के साथ शनिवार को जिन स्थलों का जायजा लिया, उन योजनाओं पर मंथन करेंगे। शहर को उम्मीद है कि इस मंथन के बाद कुछ विकास योजनाओं पर फैसला होगा।

1. एलिवेटेड रोड : समाधान की जगह तीन जगह बाधाएं बताईं
कृषि मंडी सर्किल से पावटा, नई सड़क होते हुए आखलिया तक प्रस्तावित एलिवेटेड रोड की राह में आ रही बाधाओं को दूर कर काम को आगे बढ़ाने की दिशा में काम होने की उम्मीद थी, लेकिन तीन जगहाें पर हेरिटेज बिल्डिंग आने से बात अटकी। समाधान बताने की जगह यूडीएच मंत्री ने एलिवेटेड रोड के विकल्प ढूंढ़ने की बात कहकर इस कई सवाल खड़े कर दिए।

2. मंडोर उद्यान: पीडब्ल्यूडी से जेडीए को देने की वकालत
राज्य सरकार ने हाईकोर्ट के आदेश पर मंडोर उद्यान के लिए 15 करोड़ दिए। अभी सौंदर्यीकरण के काम शुरू हुए ही थे कि शनिवार को जायजा लेने पहुंचे यूडीएच मंत्री ने मंडोर उद्यान के सौंदर्यीकरण व विकास के लिए राशि आवंटित करने की बजाय पीडब्ल्यूडी को तत्काल काम बंद कर जेडीए काे सौंपने की बात कहकर फिलहाल विकास कार्यों पर ब्रेक लगा दिया।

3. ऑडिटोरियम कम कन्वेंशन सेंटर : प्लान बनाया, जमीन दूर की कोड़ी
पॉलीटेक्निक कॉलेज परिसर में 20 बीघा जमीन पर 2500-3000 हजार दर्शक क्षमता के प्रस्तावित ऑडिटोरियम व कन्वेशन सेंटर का जायजा लेने पहुंचे धारीवाल ने जमीन पर्याप्त नहीं होने की बात कह महिला पॉलीटेक्निक कॉलेज की जमीन को शामिल करने की बात कही। ऐसे में ऑडिटोरियम व कन्वेंशन सेंटर का सपना साकार तब होगा, जब इसके लिए जरूरत की 20 बीघा जमीन मिलेगी।

4. घंटाघर: बिना पैसा कैसे हो हेरिटेज संरक्षण
यूडीएच मंत्री जब क्लॉक टॉवर पहुंचे तो खुद को नहीं रोक पाए। बोले- इसके ऊपर जाने की सीढ़ियां हैं या नहीं? इस पर अफसरों ने कहा- सीढ़ियां हैं। वे अफसरों के साथ क्लॉक टॉवर की पहली मंजिल पर पहुंचे आैर शहर काे निहारा, बाेले- इसका हेरिटेज बचाते हुए सौंदर्यीकरण व विकास कार्य होने चाहिए, लेकिन सवाल यह है कि पैसा कौन देगा, निगम-जेडीए की स्थिति किसी से छिपी नहीं है।

5. ट्रैफिक मॉबिलिटी प्लान तालाब का सौंदर्यीकरण
धारीवाल ने ट्रैफिक मॉबिलिटी प्लान के तहत महामंदिर, पावटा, डिफेंस लैब व पांचबत्ती चौराहा जाकर ट्रैफिक को सुगम बनाने के प्लान को देखा। साथ ही नई सड़क, घंटाघर व रेलवे स्टेशन पर भी ट्रैफिक को सुगम बनाने के प्लान पर चर्चा की। इसके अलावा बाईजी तालाब व नया तालाब के सौंदर्यीकरण व विकास कार्यों पर भी चर्चा की।

6. समाधान की आस ले पहुंचे लोग भी ऐसे डिस्टेंस से निराश
घंटाघर व गुलाब सागर पर जायजा लेते समय कुछ लोग यहां की समस्याओं व उनके समाधान की बड़ी उम्मीद लेकर पहुंचे, लेकिन सोशल डिस्टेंसिंग के कारण यूडीएच मंत्री ने मिलने और ज्ञापन लेने से भी इनकार कर दिया। घंटाघर के बाहर पहुंचे पार्षद राजेशसिंह कच्छवाहा व रेहड़ी-फुटपाथ व्यापारी अपनी समस्या लेकर पहुंचे, लेकिन मंत्री ने उनकी बात सुनने से इनकार कर दिया। बाद में मंत्री के पीएसओ ने ज्ञापन लिया। वहीं रेहड़ी व फुटपाथ व्यापारियों ने मंत्री के खिलाफ नाराजगी जताते हुए नारेबाजी भी की।



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Dhariwal, who came out to see the possibility of development works, raised many questions, today the answers will be met by them only.
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