
आपरेटिव बैंक में चार साल पुराने बहुचर्चित घाेटाले के मास्टरमाइंड और मुख्य आराेपी सीए रविंद्र बोरदिया और उसकी पत्नी बैंक की पूर्व अध्यक्ष कीर्ति बोरदिया काे पुलिस ने जाेधपुर से शनिवार काे गिरफ्तार किया।
काेतवाली थाना प्रभारी नेमीचंद चाैधरी ने बताया कि शास्त्रीनगर निवासी दंपती के खिलाफ वर्ष 2016 से घाेटाले काे लेकर विभिन्न मामले दर्ज हैं। इनमें 77 महिलाओं के फर्जी हस्ताक्षर से बैंक में खाते खाेल 3 कराेड़ 50 लाख 77 हजार 253 रुपए का लाेन लेकर किए गए घाेटाले का मामला भी शामिल था। इसमें शहर के पुराना हाउसिंग बाेर्ड निवासी मनाेज पारख ने भी रविंद्र और कीर्ति बोरदिया आदि के खिलाफ रिपाेर्ट दर्ज करवाई थी। दाेनाें से पूछताछ की जा रही है।
पत्नी कीर्ति जिस बैंक की अध्यक्ष थीं, पति उसका सीए
कीर्ति बाेरदिया वर्ष 2016 में भीलवाड़ा महिला अरबन काॅ-ऑपरेटिव बैंक की अध्यक्ष थी। उस समय एक-एक कर करीब 50 कराेड़ रुपए से ज्यादा के गबन सामने आए थे। गबन काे लेकर पुलिस और एसओजी आदि में 52 मामले दर्ज किए गए हैं। इससे पहले नवंबर 2018 में भी आराेपी रविंद्र बोरदिया काे एसओजी की उदयपुर टीम ने गाडरमाला निवासी कन्हैयालाल कीर की ओर से दर्ज मामले में जाेधपुर से गिरफ्तार किया था।
बिना खाताें के भी 15 कराेड़ रुपए के लाेन बांट दिएऐं ऐसे लाेगाें के नाम पर भी 15 कराेड़ रुपए के लाेन बांट दिए, जिनके खाते भी बैंक में नहीं थे। लाेन बांटने के लिए जरुरी दस्तावेज तक फाइलाें में शामिल नहीं किए गए। गबन की परतें खुलती गई ताे कई मामलाें की जांच एसओजी काे भी साैंपी गई। एसओजी करीब एक दर्जन मामलाें की जांच कर रही है।
लाेन की रिकवरी नहीं हुई ताे आरबीआई ने लाइसेंस निरस्त किया
आराेपी दंपती ने बिना किसी आधार के कराेड़ाें रुपए के लाेन बांट दिए थे। जब इनकी रिकवरी नहीं हुई ताे रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने बैंक का लाइसेंस ही निरस्त कर दिया। इससे बैंक के 25 हजार से ज्यादा खाताधारकाें का पैसा संकट में आ गया था। इस पर पिछले दिनाें रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की गाइडलाइन के अनुसार खाताधारकाें काे न्यूनतम एक-एक लाख रुपए देने का निर्देश मिला है।
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