नगर निगम दक्षिण में जन्म-मृत्यु पंजीयन शाखा में पिछले 15-20 दिन से प्रमाण पत्र जारी करने को लेकर एक साथ 1500 प्रकरण लंबित होने के मामले में दोषी राजस्व अधिकारी स्वरूपसिंह सिसोदिया पर कार्रवाई करने की बजाय इसकी गाज बाबुओं व चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों पर गिरी।

आयुक्त रोहिताश्व सिंह तोमर ने मामले की गंभीरता को देखते हुए शाखा का प्रभारी भी बदल दिया। आयुक्त ने जन्म-मृत्यु शाखा के प्रभारी कनिष्ठ सहायक अरुण जावा को एकल खिड़की (डाक) में भेज दिया। उनकी जगह पर अभियंता शाखा में काम देख रहे कनिष्ठ सहायक रामनारायण पालीवाल को जन्म-मृत्यु पंजीयन शाखा का प्रभारी बनाया है।

इसी प्रकार जन्म-मृत्यु पंजीयन शाखा में लगे सहायक के रूप में कार्यरत्त चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी सुनील कुमार, महेंद्र पंडित व सफाईकर्मी जयकिशन को अब सामान्य शाखा में भेजा गया है। इसी प्रकार भिश्ती सोनाराम/प्रभुराम व सफाईकर्मी विपिन/रमेश कुमार को सामान्य शाखा से जन्म-मृत्यु पंजीयन शाखा में भेजा गया है।

इसी प्रकार कनिष्ठ सहायक दुर्गाराम चौधरी को सामान्य शाखा से अभियंता शाखा लगाया गया है। सहायक राजस्व अधिकारी तोहिष बारासा के कोरोना पॉजिटिव आने के बाद जन्म-मृत्यु पंजीयन का काम एपीओ हुए आरओ स्वरूपसिंह सिसोदिया को सौंपा गया था, लेकिन उन्होंने 20 दिन में जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए आए 1500 आवेदनों का निस्तारण नहीं किया।

इसके चलते निगम में जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र लेने वालों की भीड़ जमा रहने लगी। इसकी शिकायत दक्षिण के महापौर वनिता सेठ से की तो उन्होंने आयुक्त से बातचीत कर लंबित प्रकरणों का तत्काल निस्तारण करने को कहा। आयुक्त ने सिसोदिया के समक्ष नाराजगी जताने के बाद लंबित प्रकरणों का निस्तारण किया, लेकिन उनके खिलाफ कार्रवाई करने की बजाय उनकी गलती का खमियाजा बाबुआें व चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को भुगतना पड़ा।



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