एडवाेेकेट राजेश टंडन ने जेएलएन अस्पताल प्रशासन पर ठेके के नाम पर 50 लाख से अधिक के राजस्व का नुकसान करने का आराेप लगाते हुए मामले की जांच करवाने और दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।
उन्हाेंने बताया कि अस्पताल में प्लेसमेंट एजेंसी के साथ मिलीभगत करके 50 लाख रुपए का घोटाला किया गया है। उन्होंने सरकार काे भेजे खत में बताया कि अस्पताल में हर साल 2.50 कराेड़ रुपए के पारिश्रमिक के कर्मकारों की नियुक्ति हाेती है। 2015 में उदयपुर की पन्नाधाय सिक्यूरिटी सर्विसेज काे 3.33 प्रतिशत कमीशन पर ठेका दिया गया। यह फरवरी 2017 तक स्वीकृत था।
उस साल की राशि 2 कराेड़ 15 लाख रुपए में से संस्थान काे 6 लाख 75 हजार रुपए का कमीशन मिला। फिर से निविदा जारी करने पर नागाैर की जीवन ज्योति फार्मासिस्ट ने पूर्व के 3.33 प्रतिशत की बजाए 0.1 प्रतिशत पर कर्मचारी मुहैया करवाने की निविदा भरी। यानी जाे काम पहले की एजेंसी 3 रुपए 33 पैसे में कर रही थी वही नई एजेंसी 10 पैसे प्रति सैकड़ा से जेएलएन में करने काे राजी हाे गई।
टंडन ने बताया कि अस्पताल प्रशासन ने 10 पैसे प्रति सैकड़े पर काम नहीं करवाकर ठेका 3 रुपए 33 पैसे पर फिर से जारी कर दिया। अस्पताल प्रशासन ने 9 लाख रुपए प्रतिवर्ष की दर से राजकोष काे नुकसान पहुंचाया।
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