राज्य सरकार ने काेराेना संक्रमित मरीजाें के इलाज के लिए नई गाइडलाइन जारी की है। यह गाइडलाइन हाेम आइसाेलेशन में रह रहे संक्रमिताें और हाॅस्पिटल में इलाज ले रहे मरीजाें के बीच की कड़ी है।
ऐसे मरीजाें के लिए अब सभी गर्वनमेंट व प्राइवेट काेविड हाॅस्पिटल में डे-केयर सेंटर की स्थापना की जा रही है। इसमें काेराेना संक्रमित का सीटी स्काेर ज्यादा हाेने के बावजूद ऑक्सीजन की जरुरत नहीं है ताे ऐसे संक्रमित डे केयर सेंटर में इलाज ले सकते हैं। यानी ऐसे मरीज एक बार डे-केयर सेंटर में एक बार इलाज लेकर घर जा सकते हैं। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के शासन सचिव सिद्धार्थ महाजन की ओर से जारी आदेश के अनुसार डे-केयर सेंटर काेराेना राेगियाें काे मानसिक तनाव से बचाने के लिए शुरू किए जा रहे हैं।
ऐसे मरीजाें का इलाज अब डे केयर सेंटर में हाेगा : ए सिमटाेमेटिक मरीज जिनका सीटी स्काेर 15/25 से कम और उनकी स्थिति स्थिर है या जिन्हें अन्य काेई गंभीर बीमारी के कारण खतरा न हाे, उनका डे केयर सेंटर में इलाज किया जाएगा। इसके लिए मरीज या परिजनाें काे उसके इलाज से संबंधित पल्सरेट, तापमान व ऑक्सीजन सेचुरेशन काे माॅनीटर करने की ट्रेनिंग भी दी जाएगी।
डे-केयर सेंटर की सलाह से पहले डाॅक्टर्स की टीम काे मरीज के बारे में यह देखना हाेगा
- मरीज ऑक्सीजन पर निर्भर न हाे और उसकी क्लिनिकली स्थिति स्थिर हाे। मरीज की पल्सरेट, रक्तचाप, श्वसनदर एवं ऑक्सीजन सेचुरेशन स्थिति सामान्य हाे। मरीज काे काेई रिस्क नहीं हाे। मरीज की ब्लड रिपाेर्ट का रिजल्ट निर्धारित सामान्य सीमा में हाे। मरीज या उसके परिजन उसके स्वास्थ्य काे सक्रिय रूप से माॅनीटर करने में समर्थ हाें एवं डे-केयर में इलाज करने के लिए अपनी सहमति दे चुके हैं।
- मरीज काे डेयर केयर से हाेम आइसाेलेशन में भेजते समय हाेम आइसाेलेशन में अपनाई जाने वाली सभी सावधानियाें वाली जानकारी की बुकलेट दी जाएगी।
- घर से हाॅस्पिटल और हाॅस्पिटल से घर जाने के लिए काेविड प्राेटाेकाॅल की पालना सुनिश्चित करनी हाेगी।
- इन मरीजाें का हाॅस्पिटल में ही इलाज किया जाएगा
- हाेम आइसाेलेशन के दाैरान मरीज काे किसी भी प्रकार की असुविधा या नए लक्षण जैसे बुखार, सांस लेने में परेशानी या छाती में दर्द की शिकायत हाेने पर उसे तुरंत हाॅस्पिटल में लाने की सलाह देनी है।
- ऐसे मरीज जिन्हें तेज बुखार, सांस लेने में परेशानी, छाती में दर्द, ऑक्सीजन सेचुरेशन 94 प्रतिशत से कम है और उनका सीटी स्काेर 10/25 से 15/25 के बीच है ताे उनका इलाज हाॅस्पिटल में ही किया जाएगा।
- ऐसे लाेग जिनकाे प्लाज्मा थैरेपी की जरुरत है उसका इलाज भी हाॅस्पिटल में ही किया जाएगा।
- जिन मरीजाें काे गंभीर बीमारियां हैं उनका इलाज भी हाॅस्पिटल में ही किया जाएगा।
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