अलवर के मालाखेड़ा क्षेत्र के गांव नावली में 11 वर्षीय बालक की बलि चढ़ाने के मामले में राज्य मानवाधिकार आयोग ने प्रसंज्ञान लेते हुए राज्य के डीजीपी, जयपुर रेंज के आईजी और अलवर के कलेक्टर एवं एसपी से 15 दिन के भीतर तथ्यात्मक रिपोर्ट तलब की है। आयोग के कार्यवाहक अध्यक्ष जस्टिस महेश चंद्र शर्मा ने टिप्पणी की है कि जिस वीभत्स तरीके से बच्चे की हत्या हुई है, उससे उस समय मासूम की क्या वेदना रही होगी यह तो ईश्वर ही जान सकता है।

आयोग ने कहा है कि ऐसा मानवताहीन कृत्य अपराध की परिभाषा की परिधि की सीमा से भी आगे हैं। इस घटना के अपराधियों ने न केवल कानून के प्रति अपराध किया है बल्कि, मानवता एवं मानव धर्म की भी हत्या की है। ऐसे हत्यारों के अपराध की निष्पक्ष एवं त्वरित जांच की जाकर उनके विरूद्ध सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।

आयोग ने पुलिस से अपेक्षा की है कि इस प्रकरण में गहन, निष्पक्ष एवं ठोस अनुसंधान करके संबंधित न्यायालयों में नतीजा शीघ्र ही पेश किया जावें। इस घटना को लेकर प्रकाशित सामचार की गंभीरता को देखते हुए आयोग स्व-प्रेरणा से प्रकाशित समाचार पर प्रसंज्ञान लिया जाना मुनासिब समझा जाता है।



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