काेराेनाकाल में कई लोग अधिक आवश्यकता नहीं होने पर हॉस्पिटल नहीं जाना चाहते। वहीं कई डॉक्टर भी मरीजों को ऑनलाइन या फोन पर ही देख रहे हैं। ऐसे में डॉक्टर्स के लिए बिना स्टेथोस्कोप लगाए मरीजों की धड़कनें जांचना संभव नहीं है।

अब आईआईटी व एम्स की संयुक्त रिसर्च ने इस समस्या का समाधान कर दिया है। इसके तहत घर बैठा कोई भी रोगी स्टेथोस्कोप का उपयोग कर डॉक्टर को दिल की आवाज सुना सकेगा। इस रिसर्च के तहत डॉक्टर अपने मोबाइल पर रोगी के स्टेथोस्कोप का साउंड आसानी से सुन सकेगा।

इस रिसर्च के जरिए उन्होंने स्टेथोस्कोप को टेली स्टेथोस्कोप में बदल दिया है। ऐसे में पेशेंट अब घर बैठकर भी अपने डॉक्टर्स को अपने दिल की आवाज सुना सकते हैं। इस रिसर्च में आईआईटी जोधपुर के कंप्यूटर साइंस विभाग के प्रोफेसर डॉ. सुमित कालरा, एम्स की डॉ. प्रीति, डॉ. अमित व डॉ. अभिनव दीक्षित शामिल हैं।
हार्टबीट के साथ अन्य अहम आवाजें भी सुनाएगा
आईआईटी जोधपुर के प्रो. सुमित कालरा ने बताया कि डॉक्टर इस स्टेथोस्कोप के जरिए न केवल हार्टबीट, बल्कि हार्ट साउंड, लंग्स साउंड, रेस्पेरिट्री रेट, स्टमक साउंड, भोजन नली व श्वास नली की आवाज भी सुनते हैं। लेकिन कोविड काल में रोगी व डॉक्टर्स दूर हो गए हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए ये रिसर्च की गई।
इस तरह काम करेगा टेली-स्टेथोस्कोप

  • इसके तहत एक साधारण स्टेथोस्कोप के पाइप को काटकर उसमें माइक्रोफोन फिट कर दिया गया।
  • इसके बाद इस माइक्रोफोन को एक मोबाइल से जोड़ दिया गया।
  • अब इस मोबाइल से किसी भी व्यक्ति को कॉल करने पर उसे फोन पर स्टेथोस्कोप की आवाज सुनाई देगी।

डॉक्टर-मरीज को 2-2 मोबाइल की जरूरत होगी

  • एक स्टेथोस्कोप को रोगी के मोबाइल से जोड़ दिया जाएगा।
  • रोगी दूसरे फोन से डॉक्टर के अन्य नंबर पर वीडियो कॉल करेगा।
  • डॉक्टर के निर्देशानुसार वह स्टेथोस्कोप से जुड़े दूसरे मोबाइल को अपने शरीर पर लगाएगा
  • डॉक्टर को मोबाइल पर स्टेथोस्कोप की आवाज सुनाई देगी।
  • इससे मरीज को एग्जामिन कर डॉक्टर दवा-उपचार बताएंगे।


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The patient sitting at home will be able to tell the doctor his heartbeat by connecting the tele stethoscope to the mobile
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