गुढ़ा विश्नोइयान का तालाब और आसपास का क्षेत्र इन दिनों साइबेरियन बर्ड्स (कुरजां) के कलरव से गूंज रहा है। हजारों मील का सफर तय कर शीतकालीन प्रवास पर पहुंची कुरजां यहां अगले तीन महीने तक पड़ाव डाले रखेगी। इस बार अब तक 10 हजार से ज्यादा पक्षी पहुंच चुके हैं। वन विभाग के अनुसार जिले में इससे ज्यादा कुरजां सिर्फ खीचन गांव के तालाब पर ही पड़ाव डालती है।

खीचन में हर साल 20 से 30 हजार तक कुरजां पहुंच रही है। इधर, गुढ़ा के तालाब पर हाल ही के बरसों में इनकी संख्या में बढ़ोतरी हुई है। यहां आसपास पर्याप्त मात्रा में चुग्गा पानी उपलब्ध है। कुरजां एक दिन में पड़ाव स्थल से 40 से 50 किमी एरिया में दाने पानी के लिए उड़ान भरती है।

जाजीवाल, जांबा, धवा व ओलवी नए आश्रय स्थल

खीचन व गुढ़ा विश्नोइयान की तरह अब कुरजां नए तालाबों पर भी पड़ाव देने लगी है। फलोदी क्षेत्र में जांबा तालाब, लूणी के धवा, जाजीवाल व बिलाड़ा के ओलवी में काफी संख्या में पक्षी पहुंच रहे हैं। प्रशासन अब इन स्थानों पर कुरजां संरक्षण के तहत योजनाएं बना रहा है।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
Then the Vishnoiyan pond became the second house of Kurjan, after Khichan it is here in the largest number
Via Dainik Bhaskar https://ift.tt/1PKwoAf

Advertisement

0 comments:

एक टिप्पणी भेजें

 
Top