पहली बार वसुंधरा राजे का खेमा पहली बार आरएलपी सुप्रीमो हनुमान बेनीवाल के विरोध में सीधे ताैर पर उतर आया है। विधायक प्रताप सिंघवी, पूर्व विधायक प्रहलाद गुंजल, भवानी सिंह रजावत, विद्याशंकर नंदवाना व पूर्व जिला प्रमुख गोविंद सिंह परमार ने संयुक्त बयान जारी करके कहा संबंध तोड़ना है तो आज ही तोड़ें।

बीजेपी हाईकमान को पत्र लिखकर कहा बेनीवाल को क्यों बर्दाश्त कर रही पार्टी। संयुक्त बयान में कहा कि बेनीवाल की पार्टी राज्य जाति विशेष में सिमटी हुई है। वो आए दिन पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे पर कीचड़ उछालने से भी बाज आएं, वसुंधरा आज भी राजस्थान की लोकप्रिय नेता होते हुए करोड़ों लोगों के दिलों पर राज कर रही है। भाजपा नेताओं ने देश के गृहमंत्री अमित शाह व भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को भी पत्र लिखते हुए आग्रह किया है कि बेनीवाल पार्टी को लगातार संबंध विच्छेद के लिए धमका रहे हैं। पार्टी अभी तक उनको क्यों बर्दाश्त कर रही है, यह समझ नहीं आ रहा? राजस्थान में भाजपा का बड़ा जनाधार है और केवल 1.5 लाख वोटों के अंतर से ही राज हमारे हाथ से चला गया।दाे दिन पहले ही बेनीवाल ने केंद्रीय कृषि कानूनाें के खिलाफ एनडीए से अलग हाेने की धमकी दी थी। नेताओं ने कहा कि उनके दल के गिनती के विधायकों के चले जाने या आ जाने से पार्टी की सेहत पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा। हाईकमान कठोर निर्णय लेते हुए स्वयं पहल कर तत्काल बेनीवाल से संबंध विच्छेद कर लें तो पार्टी के लाखों कार्यकर्ताओं में अच्छा संदेश जाएगा। आरएलपी केवल नागौर तक ही सिमटी हुई है।

बेनीवाल का पलटवार
जिनकी राजनीतिक हैसियत नहीं, वे बयान दे रहे हैं: हनुमान बेनीवाल ने भाजपा नेताओं पर पलटवार करते हुए कहा कि बयानबाजी कर रहे इन सभी भाजपा नेताओं की कोई राजनीतिक हैसियत नहीं है। वैसे भी मेरा गठबंधन केंद्र में मोदी और शाह के साथ हुआ था। उन्होंने इन भाजपा नेताओं से पूछकर गठबंधन नहीं किया।



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फाइल फोटो
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