लंबे इंतजार के बाद अब प्रदेश के लोगों को जल्द ही अवैध बजरी खनन से मुक्ति मिल सकती है। मिनिस्ट्री ऑफ एनवायरमेंट एंड फॉरेस्ट ने प्रदेश की 8 लीजों को एनओसी जारी कर दी है। एनओसी जारी होने के बाद अब राज्य सरकार को सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का इंतजार है। गत दिनों सुप्रीम कोर्ट की ओर से गठित सेंटर एम्पावर्ड कमेटी ने भी प्रदेश में हो रही अवैध बजरी खनन की रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को सौंपी थी।

इसमें कहा गया है कि अवैध बजरी खनन को रोकने के लिए सूख चुकी नदी की लीजों को स्वीकृति देना जरूरी है। वहीं एग्रीकल्चर लीज पर रोक जरूरी है क्योंकि एग्रीकल्चर के नाम पर नदियों-नालों से अवैध बजरी खनन किया जा रहा है और रवाना एग्रीकल्चर वाली जमीन का दिया जा रहा है।

इन्हें मिल सकती है स्वीकृति : मिनिस्ट्री ऑफ एनवायरमेंट एंड फॉरेस्ट ने टोंक में देवली, भीलवाड़ा में कोटरी, शाहपुरा, जालोर, जालोर में सायला, पाली में रायपुर, राजसमंद और राजसमंद में नाथद्वारा लीज को एनओसी दे दी है। कोर्ट के आदेश मिलते ही खनन शुरू हो जाएगा।

प्रदेश में तीन साल से बंद है बजरी खनन, 600 से 1500 रुपए प्रति टन पहुंचे बजरी के दाम

मिनिस्ट्री ऑफ एनवायरमेंट एंड फॉरेस्ट से एनओसी नहीं मिलने की वजह से प्रदेश में 16 नवंबर 2017 से वैध बजरी खनन बंद है। एनओसी नहीं मिलने की वजह से लीज में खनन नहीं हो पा रहा है। 16 नवंबर 2017 के बाद प्रदेश में भारी तादाद में अवैध तरीके से बजरी खनन हो रहा है, जिसे अक्टूबर में सेंटर एम्पावर्ड कमेटी ने सुप्रीम कोर्ट को दी गई अपनी रिपोर्ट में भी सत्यापित किया है।

16 नवंबर 2017 से पहले पहले ऑल राजस्थान बजरी ट्रक ऑपरेटर्स वेलफेयर सोसायटी दारा प्रदेश की राजधानी के आसपास के क्षेत्रों में अंडरलोड परिवहन करते हुए बनास बजरी 600 रुपए प्रति टन लोगों को सप्लाई की जा रही थी, जो अब ओवरलोड परिवहन करते हुए अवैध बजरी 1500 रुपए टन तक बेची जा रही है। अब 50 टन बजरी का ट्रक 75 हजार रुपए में आ रहा है। तीन साल पहले 50 टन बजरी का ट्रक 30 हजार रुपए में मिल रहा था।

10 लाख प्रति वाहन जुर्माने की सिफारिश

कमेटी ने अवैध बजरी खनन करने वाले वाहन पर 10 लाख प्रति वाहन के साथ–साथ उस वाहन में मौजूद बजरी पर 5 लाख रुपए अतिरिक्त प्रति क्यूब मीटर जुर्माना लगाने की सिफारिश की है।

^लीगल माइनिंग शुरू होते ही ऑल राजस्थान बजरी ट्रक ऑपरेटर्स वेलफेयर सोसायटी के माध्यम से अंडरलोड परिवहन करके प्रदेश की राजधानी और आसपास के क्षेत्रों में 700 रुपए प्रति टन में बजरी उपलब्ध कराई जाएगी।
- नवीन शर्मा, प्रदेशाध्यक्ष, ऑल राजस्थान बजरी ट्रक ऑपरेटर्स वेलफेयर सोसायटी



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
The road to cheap gravel opened; Ministry of Environment and Forest gave NOC, legal mining will start as soon as the Supreme Court orders
Via Dainik Bhaskar https://ift.tt/1PKwoAf

Advertisement

0 comments:

एक टिप्पणी भेजें

 
Top