संपादकीय
 समझौते वाली सड़क .........

#बाड़मेर #नगरपरिषद #वार्ड_नं_6
17.09.2018
मेरी गली में पिछले 12 सालों से सड़क पाइप लाइन बिछाने के कारण क्षतिग्रस्त थी पिछले 8 सालों में लगातार नगर परिषद व पार्षद से अनुरोध करते रहे कि हमारी गली की सड़क का नवीनीकरण किया जाए पिछले पार्षद का 5 वर्ष का कार्यकाल पूरा हो गया और आश्वासनों के तले सड़क दबी रह गई बन नहीं पाई ।

नया पार्षद सड़क बनाने के वादे के साथ आया 3 साल तक आश्वासन देते देते निकल गए वही नगर परिषद के चक्कर कुछ महीनों के अंतराल में लगते गए लेकिन सड़क का नवीनीकरण नहीं किया गया। फिर 2016 में जिला स्तरीय जनसुनवाई में जिला कलेक्टर महोदय के पास प्रार्थना पत्र लेकर पहुंचा और जनसंपर्क पोर्टल पर शिकायत का ऑनलाइन रजिस्ट्रीकरण किया गया जनसंपर्क पोर्टल से कॉल आते तो कभी नगरपरिषद से कॉल आते हैं 5 बार इंजीनियर आके मौका मुआयना करके गए और पता नहीं 10x100 की गली की सड़क के ऊपर किस आधार पर 5 लाख का पश्मीना बनाकर सभापति व आयुक्त के सामने पेश कर दिया और नगर परिषद द्वारा भविष्य में बजट आवंटन की दलील देते हुए झूठे आश्वासन दिए गए अब तक की कार्यवाही में पार्षद की कोई सकारात्मक भूमिका नहीं रही।

इस कालखंड के बीच में दो तीन बार पार्षद ने हमारी बार-बार मांग को देखते हुए फॉर्मेलिटी के लिए हमें सड़क के ऊपर ही नई सड़क बनाने की बात कही लेकिन गली वालों की मांग थी कि 12 सालों में जाकर अब कार्य की जरूरत पड़ी है वह इतने से छोटी सड़क को भी बिना खोदकर आप पूरानी सड़क के ऊपर ही बनाने की बात कर रहे हैं और धीरे-धीरे ऐसे ही ऊपर सड़क बनाते-बनाते सड़क का लेवल घरों के आंगन के लेवल के बराबर आ जाएगा और फिर सड़क की गंदगी घर के अंदर आ जाएगी इसलिए यह हमेशा-हमेशा नहीं बनाई जाती CC की सड़क परमानेंट सही ढंग से खुदाई करके अच्छे से बनवा दी जाए तो और आने वाले 10 सालों तक सामने नहीं देखना पड़ेगा सड़क के लेकिन पार्षद तो अपने मनमानी पर है आम जनता की समस्या का उसके साथ क्या लेना देना यह कहकर बस चल दिए कि आप खुद नहीं बनाना चाहते सड़क मैं क्या कर सकता हूं ? नहीं बनानी तो रहने दीजिए जैसी है वैसी पड़ी रहेगी और क्या ।

उसके बाद हम दो बार और जनसुनवाई में जिला कलेक्टर महोदय के पास पहुंचे इस बीच एक बार तो तत्कालीन नगर परिषद आयुक्त ने हाथाजोड़ी करके हमको वहां से झूठा आश्वासन देकर वापस भेज दिया कि कल ही मैं खुद निरीक्षण करने आऊंगा और 15 दिन के अंदर अंदर आप की गली में सड़क नवीनीकरण का कार्य शुरू कर दिया जाएगा हम भी भोले-भाले लोग उनकी झूठी दलील में आ गए और कलेक्टर के पास नहीं जा कर वापस आ गए उस बात को भी एक साल होने आ गया है लेकिन कोई कार्यवाही नहीं की गई ।

अब वर्तमान में सितंबर 2018 चल रहा है आने वाले 3 महीनों में राजस्थान विधानसभा के चुनाव होंगे जिसके लिए आचार संहिता लग जाएगी इसलिए सरकारी कार्यों का यह अंतिम टेंडर जारी किया गया है जो पूरे वार्ड के लिए है लेकिन हमारी मांग अभी भी अधूरी की अधूरी है उस पर कोई अमल नहीं किया गया है जब भी जाओ 2 महीने में आपकी सड़क बन जाएगी 3 महीने में आपकी सड़क बन जाएगी ऐसे झूठे आश्वासन सुन-सुनकर कान पक गए हैं तो विधानसभा चुनाव के मद्देनजर आने वाले तीन चार महीनों तक कोई काम नहीं होने वाला है ।

उसके बाद आ जाएंगे लोकसभा के चुनाव फिर आचार संहिता लगेगी फिर 2-4 महीने कोई काम नहीं होने वाला है और उसके बाद में आ जाएंगे नगर परिषद के चुनाव कहने का मतलब यही है कि आने वाले 1-2 सालों तक कोई काम नहीं होने वाला है आम जनता का इसलिए पिछले 12 सालों से टूटी फूटी सड़क की हालत को झेल रहे गली वासियों ने हालातों और समय की परिस्थितियों को देखते हुए मजबूरन का समझौता किया कि टूटी फूटी सड़क से तो अच्छा है इसके ऊपर इस बार सड़क बना दी जाए और क्या कर सकते हैं और आने वाले समय में ऐसी हालत में रहने से अच्छा है सड़क के ऊपर ही सड़क बनाकर फिलहाल काम चलाया जाए।

और आने वाले भविष्य में जब चुनाव में वोट मांगने के लिए नेताजी आएंगे तब उनको खरी-खोटी सुनाते हुए अगली बार सड़क खुदाई करके अच्छी क्वालिटी की वापस सड़क बनाने का लिखित में वादा लेते हुए और अगर अपने वादे से मुकर जाते हैं तो कठोर कार्यवाही के लिए तैयार रहें इस समझौते के साथ सड़क निर्माण के लिए गली वासियों में सहमति बनाई इसलिए मैंने अपने इस संपादकीय लेख का शीर्षक समझौते वाली सड़क दिया है आइए बताते हैं यहां पर किस प्रकार का जनता का समझौता किया गया है :
* समझौता राजनीतिकरण का शिकार होने का
* समझोता नगर परिषद की असंवेदनशीलता का 
* समझोता पार्षद की हमारी मांग के लिए पैरवी ना करने का
* समझौता आचार संहिता के कारण काम ना होने का
* समझौता समय व परिस्थितियों के साथ सभी का एकजुट होकर ना लड़ने का
हालांकि अब यह समझौतावादी सड़क तो बन गई है जिससे पहले की अपेक्षा बच्चों को सड़कों में पड़े गड्ढों उसके साथ ठोकरें नहीं खानी पड़ेगी गली वालों की मोटर साइकिल व साइकिल आराम से चल पाएगी गंदा पानी सड़क के गड्ढों में इकट्ठा नहीं होगा इससे कुछ निजात मिलेगी लेकिन मन में एक ठीस जरूर रहेगी कि हम जिनको हमारे कार्य करने के लिए जनहित में पैरवी करने के लिए वोट करते हैं और वह वादाखिलाफी करके पार्टी वाद, जातिवाद, पक्षपात, ईर्ष्या के भाव से काम करते हैं जिससे विकास की प्रेरणा कहीं पीछे छूट जाती है और राजनीति के प्रति कुंठा पैदा होती है।

पार्षद द्वारा की गई भेदभाव पूर्वक नीति के कुछ उदाहरण निम्न बातों से मैं पेश करता हूं :-
* पिछले 12 सालों से सड़क टूटी हुई है पिछले पार्षद को सैकड़ों बार अवगत कराने के बावजूद जानबूझकर बाकी पूरे मोहल्ले में सड़के बनवाई गई और भेदभाव पूर्ण रवैया अपनाते हुए हमारी गली को उपेक्षित रखा गया
* दूसरा पार्षद यह वादा करके आया था कि पहला काम इसी गली में शुरू कराऊंगा लेकिन वह भी था तो उसी पार्टी का बहानेबाजी करके वह भी टालता गया
* पिछले 3 सालों में एक ही सड़क को हर साल सही होने के बावजूद खुदाई करके बार-बार बनाया गया और अभी 4 दिन पहले उस सड़क को खोदकर सीसी सड़क बनाई गई जनता का पैसा गैर जरूरत जगह पर खर्च किया गया
* हमारी 10x100 फीट की गली में सड़क बनाने के लिए मुश्किल से एक डेढ़ लाख का खर्च आता लेकिन जानबूझकर 500000 का बजट बनाकर इस को निष्क्रिय किया गया
* पार्षद को बार-बार कहने के बावजूद कलेक्टर तक राज्य सरकार तक जनसंपर्क के माध्यम से शिकायत पहुंचाने के बावजूद कार्य ना होना और असंवेदनशीलता व फॉर्मेलिटी के लिए सब काम किया जाना बताता है ऊपर से पार्षद द्वारा यह कहना कि आप की सड़क खुदाई करके नहीं बनाई जाएगी आप में हिम्मत हो तो जो भी करना है कर लो और उसने यह साबित भी कर दिया।

वेदना पूर्वक महावीर आचार्य 
आम नागरिक भारत
नोट :- पिछले 5 सालों में लगातार अलग-अलग स्तर पर सड़क नवीनीकरण की मांग को लेकर किए गए प्रयास के बारे में लिंक नीचे दिए गए हैं और YouTube पर अपलोड किया गया वीडियो का भी लिंक सबसे पहले ऊपर दिया गया है
1. क्षतिग्रस्त सड़क का वीडियो का लिंक
https://youtu.be/KIIRP8aiLhM
2. 2013 की अखबार की न्यूज़ कटिंग
 http://mahaveeracharya.ucoz.com/rajward.jpg
3. 9 जून 2016 को जनसुनवाई में जिला कलेक्टर को दिए गए ज्ञापन का लिंक
https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=971713536259925&id=100002638628325
4. 13.04.2017 को दूसरी बार जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा उसका लिंक
https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=1582477081850231&id=100002638628325

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