लाॅकडाउन के बाद मनरेगा में काम चाहने वाले लाेगाें काे राेजगार नहीं मिलने की शिकायताें के मद्देनजर गुरुवार काे अधिकारी पंचायत मुख्यालयाें पर जाकर गांवाें में ग्रामीणाें से राेजगार संबंधी आवेदन लेंगे। दरअसल, काेराेना के कारण हुए लाॅकडाउन की वजह राेजगार छिन जाने के कारण मनरेगा का महत्व बढ़ा है।
लाेग मनरेगा कार्य पर मजदूरी के लिए अधिक पहुंच रहे हैं। कई जगह पर महात्मा गांधी नरेगा योजना में संबंधित जिम्मेदार कर्मचारियों की ओर से रोजगार आवेदन नहीं लेने, आवेदन की प्राप्ति रसीद मांगने पर भी नहीं देने, निजी लाभ के कार्यों के आवेदन नहीं लेने या मस्टर रोल में दर्ज नामों की सूची उजागर नहीं करने की शिकायत आ रही है।
मनरेगा कानून की पालना में रोजगार आवेदन नहीं लेने की सैकड़ों शिकायतें प्रति दिन संपर्क पोर्टल तथा मनरेगा पोर्टल पर दर्ज हो रही हैं। ऐसी स्थिति में लापरवाह कर्मचारियों को चिन्हित करने के लिए जिला परिषद सीईओ रामनिवास जाट ने सभी बीडीओ, सहायक विकास अधिकारियों तथा तकनीकी अधिकारियों को दाे जुलाई काे अपने-अपने क्लस्टर की ग्राम पंचायतों का दौरा कर रोजगार दिवस को प्राप्त आवेदनों, तथा शिकायतों की जांच करने को कहा गया है। मनरेगा अधिनियम में प्रावधान है कि योजना में लापरवाही बरतने वाले प्रत्येक कार्मिक पर कार्यक्रम अधिकारी तथा विकास अधिकारी द्वारा मौके पर ही 1000 रुपए तक का जुर्माना वसूला जा सकता है।
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