प्रदेश में जयपुर, जोधपुर व अजमेर डिस्कॉम में बिजली छीजत व चोरी पर लगाम नहीं लग पा रही है। बिजली छीजत का आंकड़ा 18 फीसदी से ज्यादा है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने दो बार मीटिंग लेकर बिजली छीजत 15 फीसदी तक लाने की नसीहत दी थी, लेकिन हर रोज एक हजार से ज्यादा बिजली चोरी पकड़ी जा रही है, लेकिन छीजत कम नहीं हो रही है।

लॉकडाउन के दौरान बिजली चोरी बढ़ने के कारण डिस्कॉम प्रबंधनों ने अब छीजत के आंकड़े भी सार्वजनिक करने पर पाबंदी लगा दी है। सिस्टम लॉस कम करने की कोई प्लानिंग ही नहीं है। मुख्यमंत्री की पिछली समीक्षा में अजमेर डिस्कॉम के एमडी वीएस भाटी तो बैठक में आए ही नहीं, केवल वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से ही जुड़े। जोधपुर डिस्कॉम के प्रबंध निदेशक अविनाश सिंघवी का कहना है कि पिछले साल की तुलना में बिजली छीजत कम हुई है। विजिलेंस चैकिंग की जा रही है।

फीडर पर सिस्टम से लॉस निकालने का काम बंद
डिस्कॉम चेयरमेन ने पिछले साल बिजली चोरी पर लगाने लगाने व सिस्टम छीजत की जानकारी लेने के लिए हर फीडर के हिसाब से लॉस निकालने के निर्देश दिए थे। ताकि हर इंजीनियर की कार्य दक्षता का टेस्ट हो सके। लेकिन अधिकांश इंजीनियर फीडर लॉस निकालने में असफल रहे। कई इंजीनियरों ने केवल अनुमान से शीट भर दी।

उन्होंने तीनों प्रबंध निदेशकों व चीफ इंजीनियरों को बेहतर विद्युत सप्लाई व हाई लॉस फीडर्स पर लॉस कम करने की कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए थे। लेकिन यह काम एक साल में भी पूरा नहीं हो सका। हर सबडिवीजन में माडल फीडर बनाने का प्रोजेक्ट भी ठप है। इसमें शहरी व ग्रामीण क्षेत्र के एक-एक हाई लॉस फीडर का चयन कर उस पर लॉस कम करने थे।

यह काम हो तो सुधरे सिस्टम

  • अभी शीट में मैनुअली फीड करके लॉस निकाल रहे है, जबकि सिस्टम से ही लॉस निकलने चाहिए।
  • खराब व बंद मीटर का आंकड़ा 5 फीसदी तक है। इससे बिजली छीजत बढ़ती है।
  • बिजली चोरी वाली कच्ची बस्तियों व मौहल्लों पर कार्रवाई हो।
  • कुसुम योजना में हर जिले से 20 सब-स्टेशनों का चयन हो, 2 मेगावाट से अधिक लोड हो। इससे सिस्टम लॉस कम हो।


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