मध्यप्रदेश व राजस्थान की सीमा विभाजन कर दोनों राज्यों के परिवहन एवं सामाजिक, आर्थिक विकास में रोड़ा बनी मंडरायल की चंबल नदी पर हाई लेवल ब्रिज के निर्माण के लिए केन्द्रीय सड़क निधि से 121.97 करोड़ रुपए की लागत से मंडरायल राजघाट से निर्माण कार्य शुरू हो गया है। मध्यप्रदेश सरकार ने पुल निर्माण की एनओसी जारी कर दी, जिससे पुल निर्माण का कार्य गति पकड़ने से अप्रैल 2021 तक करौली व मध्यप्रदेश की राह आसान होने की संभावना बढ़ गई है।सार्वजनिक निर्माण विभाग के अनुसार राज्य सरकार ने सबलगढ़-मंडरायल-करौली स्टेट हाइवे-22 के मंडरायल चंबल नदी पर हाई लेवल ब्रिज का निर्माण के लिए 12 सितंबर 2018 को 126.768 करोड़ रुपए की वित्तीय स्वीकृति जारी की गई थी। जिस पर विभाग ने अहमदाबाद की एक कंपनी को 121.97 करोड़ रुपए का वर्क ऑर्डर जारी कर निर्माण शुरू करा दिया गया। विभाग ने मंडरायल के राजघाट से निर्माण कार्य शुरू कराते हुए चंबल नदी में पिलरों का निर्माण पूर्ण कराकर कार्य को गति दे दी। राजस्थान की ओर डामरीकरण के लिए राजघाट से बरेड़ तिराहे तक सड़क निर्माण का कार्य प्रगति पर है।1150 मीटर लंबा बनेगा पुलचंबल नदी पर हाई लेवल ब्रिज निर्माण के लिए मध्यप्रदेश सरकार ने राजस्थान सरकार को एनओसी जारी कर दी है। सानिवि के अनुसार मध्यप्रदेश के सबलगढ़ अटार घाट से मंडरायल के चंबल राजघाट तक 1150 मीटर लंबाई का पुल का निर्माण कराया जाएगा। सबलगढ़ की ओर से 560 मीटर व मंडरायल से 610 मीटर की लंबाई वाली अप्रोच सड़क निर्माण कराया जाएगा। मध्यप्रदेश सरकार द्वारा पूर्व में एनओसी जारी नहीं करने के कारण एमपी की सीमा में पुल का निर्माण नहीं हो सका था।
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