पीपाड़ नगर पालिका का गठन आज से 59 साल पूर्व हुआ था। 1 दिसम्बर 1961 को पीपाड़ नगर पालिका का गठन हुआ। फलोदी के बाद पीपाड़ नगर पालिका जिले की दूसरी नगर पालिका थी। उस वक्त 20955 कुल आबादी थी। जोधपुर तहसीलदार विजय सिंह को प्रशासक बनाया गया था। नगरपालिका के वरिष्ठ कर्मचारी रामस्वरूप पुरोहित ने बताया कि 1961 में गठन के बाद नगर अध्यक्ष का चुनाव हुआ।
अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया मौजूद लोगों द्वारा हाथ खड़े करके अपनाई गई थी। जिसमें तत्कालीन उपसरपंच शिवलाल कच्छावाह प्रथम नगर पालिका अध्यक्ष बने। प्रथम चेयरमैन कांग्रेस के शिवलाल कच्छावाह थे तो अनपढ़ पर साइन इंग्लिश में करते थे। साथ ही इंग्लिश अखबार पढ़ने का बड़ा शौक था। नगरपालिका के गठन के समय आठ कर्मचारी को लगाया गया। वहीं पुखराज पालिका के प्रथम सचिव रहे। उस दौरान से चूंगी नाके थे जिसमें 12 नगरपालिका के कर्मचारी लगे थे। वह आय का प्रमुख स्रोत चूंगी था।
अब तक 23 चेयरमैन व 34 प्रशासक रहे
नगरपालिका के 58 साल के इतिहास में अधिकतर कार्यप्रणाली प्रशासकों के हाथ में ही रहे। इस दौरान 23 नगरपालिका अध्यक्ष व 34 प्रशासक रहे। वहीं शुरुआत में नगरपालिका अध्यक्ष भी 6-8 महीने में बदलते रहे। पालिका अध्यक्ष पद हमेशा उतरा चढ़ाव चलता रहा। पहले के कार्यकाल तीन फरवरी 1964 से 28 जनवरी 1967 में सात अध्यक्ष बने। जिसमे मो.सदीक, भीकमचंद आर्य, मूली बाई, मोहनलाल आर्य अध्यक्ष रहे।
निर्दलीय शांतिलाल जांगड़ा भी 5 साल तक अध्यक्ष रहे
नगरपालिका अध्यक्ष पर बीजेपी व कांग्रेस दोनों पार्टियों ने राज किया। 2010 से 2015 तक सरकार द्वारा सीधे अध्यक्ष पद चुनने की प्रक्रिया अपनाई थी। जिसमे जनता द्वारा सीधे अध्यक्ष चुनाव कराए गए। जिसमें शांतिलाल जांगड़ा निर्दलीय के रूप में पांच साल अध्यक्ष रहे।
59 साल बाद अभी तक किराए का भवन
1961 में ग्राम पंचायत से बनी पीपाड़ नगरपालिका को 59 सालों बाद भी खुद का भवन नसीब नहीं हुआ। पहले दिन से लेकर आज तक नगरपालिका किराए के भवन में संचालित हो रही है। हर चुनाव में नगर पालिका भवन का बड़ा मुद्दा रहता है पर कोई भी बोर्ड अभी तक नगरपालिका को खुद का भवन नहीं दिला सका।
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