बेरी गांव के राजकीय उमा विद्यालय के प्रिंसिपल सुशीला सैनी के स्थानांनतरण करने पर गत दो दिनों से ग्रामीणों ने स्कूल पर ताला जड़ रखा है। ग्रामीण स्कूल के मुख्य द्वार पर धरने पर बैठे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि सुशीला सैनी पिछले दो साल से उक्त स्कूल में कार्यरत हैं और बंद होने की कगार पर खड़े स्कूल में नामांकन 225 कर दिया। दो साल पहले स्कूल में मात्र 22 विद्यार्थी थे।
ग्रामीणों ने कहा कि जब तक ट्रांसफर कैंसल नहीं हो जाता तब तक अनिश्चितकालीन धरना देंगे और स्कूल के तालाबंदी रखेंगे। एडीईओ हरदयालसिंह भी विद्यालय आए और ग्रामीणों से समझाइश कर मांगों का ज्ञापन लिया। ग्रामीण अभी भी मांग पर अड़े हुए हैं। सरपंच अखिलेश सारसर, पूर्व सरपंच प्रभुसिंह शेखावत, पंचायत समिति सदस्य किरण कुमार ने बताया कि हमने विधायक राजेंद्र पारीक को कई बार फोन किए लेकिन वे फोन भी नहीं उठा रहे हैं।
प्रिंसिपल ने विद्यालय में भामाशाहों व ग्रामीणों के सहयोग से 10 लाख रुपए से अधिक के विकास कार्य भी करवाए हैं। स्कूल को 10वीं से 12वीं में क्रमोन्नत करवाने में विशेष योगदान रहा है। इस दौरान धरने पर आनंदसिंह शेखावत, घनश्याम दीक्षित, बजरंगसिंह चौहान, अभिषेक रुलाणियां, राजू खीचड़, अभिषेक रुलानिया, मुकेश महण, दिनेश तिवाड़ी, बलबीरसिंह, नरेंद्र चौहान, हरि मील, गिरधारीसिंह चौहान सहित सैकड़ों ग्रामीण शाम 4 बजे तक धरना देकर बैठे रहे।
2 दिन में 2 स्थानों पर ट्रांसफर
प्रधानाचार्य सुशीला सैनी का 6 जनवरी को रींगण लाडनूं में स्थानांतरण में किया गया। उसके बाद 7 जनवरी को उनका स्थानांतरण रींगण से पांच किलोमीटर दूर स्थित लाडनूं रोडू के राउमा विद्यालय, नागौर में कर दिया गया। बेरी स्कूल में विद्याधर मील को प्रधानाचार्य लगाया गया है, वे मूलत: कोलीड़ा निवासी हैं।
सामूहिक टीसी की चेतावनी
विद्यालय के 50 से अधिक छात्र-छात्राओं ने शिक्षामंत्री, विधायक, जिला शिक्षा अधिकारी, कलेक्टर को पत्र लिखा है। पत्र में विद्यार्थियों ने लिखा है कि यदि प्रिंसिपल का तबादला निरस्त नहीं किया गया तो वे सब सामूहिक रूप से टीसी कटवा लेंगे। छात्र-छात्राओं में भी काफी आक्रोश दिखाई दिया। अभिभावक भी टीसी कटवाने की बात कह रहे हैं।
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