जया गुप्ता/जयपुर

पूरा विश्व तेजी से इन्र्फोमेशन टेक्नोलॉजी (आइटी) की ओर बढ़ रहा है लेकिन राजधानी अभी इस मामले में पीछे है। पिछली कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में जयपुर को आइटी सिटी बनाने की योजना भी आई मगर लागू नहीं हो पाई। सरकार गई और योजना भी ठंडे बस्ते में चली गई। वर्ष 2013 में आई भाजपा सरकार आइटी सिटी में केवल भामाशाह टेक्नो हब और इन्क्यूबेशन सेंटर तक सिमट कर रह गई। लेकिन स्टार्टअप्स को केवल जगह देने के अलावा कोई मदद नहीं कर पाई। नतीजा, 80-90 फीसदी स्टार्टअप्स फेल हो रहे हैं।


परेशानी का पैमाना

- आइटी के नाम पर शहर में एक एनआइटी और कुछ आइटी सेक्टर की कम्पनियां हैं।

- शहर के कई इलाकों में तो आज भी इंटरनेट की अच्छी कनेक्टिविटी तक नहीं है।

- विदेशों से आने वाले पर्यटकों शहर की सही जानकारी तक नहीं मिल पाती है।


सरकार यह करे

- भविष्य की जरूरत के हिसाब से आंकलन कर आइटी सिटी की योजना को मूर्त रूप देना चाहिए।

- स्टार्टअप्स शुरू करने वाले युवाओं को वित्तीय सहायता मिले।

- ऐसा माहौल बने, जिससे अधिक आइटी व अन्य कम्पनियां यहां आएं। दूसरे राज्यों से नौकरी के लिए युवा जयपुर आएं।


यहां से सीखें

सेनफ्रेंसिसको आइटी सिटी में अव्वल है। एक हजार में से 26 से अधिक लोग स्टार्टअप्स का कार्य कर रहे हैं। बंगलूरू भी सिलीकॉन वैली है, हजारों आइटी कम्पनियां हैं।


जयपुर में आइटी

- क्षेत्र को लेकर प्रयासों में वाकई कमियां हैं। हम विपक्ष में रहकर अब स्मार्ट सिटी को टैक्नोलॉजी के लिहाज से विकसित करने की पुरजोर मांग उठाएंगे। नरपत सिंह राजवी, विधायक


- जयपुर को स्मार्ट सिटी तो बनाएंगे ही, आई सिटी की दिशा में सामने आ रहीं कमियों को भी दूर कराएंगे। इसके लिए हम हर नई योजना बनाकर काम करेंगे। रोजगार, शिक्षा और आइटी के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी। महेश जोशी, विधायक


जनता की पीड़ा

आइटी के नाम पर जयपुर में बातें हैं, सुविधाएं नहीं हैं। महानगर में रहने के बाद भी बच्चों को पढ़ाई के लिए बाहर भेजना पड़ता है। ज्योति, वैशालीनगर


- बेटे की इंजीनियरिंग पूरी हो गई लेकिन जयपुर में अच्छी जॉब नहीं है। बाहर जाने की मजबूरी है। यहीं सुविधा मिले तो कोई क्यों बाहर जाए? ओमप्रकाश, जवाहरनगर


एक्सपट्र्स कमेंट

आइटी सेक्टर के जॉब्स, स्टार्टअप्स, बड़ी कम्पनियों का शहर में आना, निवेश का आसान होना यह सब आइटी सिटी में गिना जाता है। जयपुर आइटी सिटी में फिलहाल तो पीछे ही है। बंगलूरू, नोएडा, गुडग़ांव, दिल्ली, मुम्बई, हैदराबाद ज्यादा से ज्यादा नौकरियां दे रहे हैं। *कपिल खण्डेलवाल, क्वालिटी एक्सपर्ट, यूनाइटेड ग्रुप, नोएडा

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