एनसीटीई ने नियमों में संशोधन कर अभ्यर्थियों को दी राहत, छह महीने का ब्रिज कोर्स करना होगा पास
ASO NEWS || शाहपुरा
एनसीटीई ने लाखों बीएड डिग्रीधारियों को बड़ी राहत दी है। बीएड योग्यता धारी अभ्यर्थी अब कक्षा 1 से 5 तक के शिक्षक बनने के लिए भी पात्र होंगे। बशर्ते कि उन्हें शिक्षक के पद पर नियुक्त होने के दो वर्ष के भीतर छह महीने का ब्रिज कोर्स उत्तीर्ण करना होगा। इसके लिए एनसीटीई ने नियमों में बदलाव किया है। प्रदेश में भविष्य में होने वाली तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती में अब बीएड योग्यताधारी अभ्यर्थी दोनों लेवलों (प्रथम लेवल कक्षा 1 से 5 एवं द्वितीय लेवल कक्षा 6 से 8 ) में सम्मिलित हो सकेंगे।
शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के प्रावधानों के अनुसार एनसीटीई ने तृतीय श्रेणी शिक्षक के पदों एवं भर्ती को दो भागों में बांटा था। प्रथम लेवल में कक्षा 1 से 5 को बनाया गया। इसमें बीएसटीसी एवं इसके समकक्ष उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को प्रथम लेवल का तृतीय श्रेणी शिक्षक बनने का पात्र माना और द्वितीय लेवल कक्षा 6 से 8 के लिए बीएड योग्यता धारी अभ्यर्थियों को पात्र माना गया था। बीएड योग्यताधारी अभ्यर्थियों को तृतीय श्रेणी शिक्षक के प्रथम लेवल के लिए योग्य नहीं माना था। ऐसे में तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती के प्रथम लेवल में महज बीएसटीसी एवं इसके समकक्ष उत्तीर्ण अभ्यर्थी सम्मिलित हो पा रहे थे।
शिक्षक पात्रता परीक्षा पास करना जरूरी
आरटीई एक्ट के अनुसार तृतीय श्रेणी शिक्षक बनने के लिए बीएसटीसी एवं बीएड डिग्रीधारी अभ्यर्थियों को शिक्षक पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण करना आवश्यक है। शिक्षक पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण किए बिना बीएसटीसी एवं बीएड धारी अभ्यर्थी तृतीय श्रेणी शिक्षक के पद पर नियुक्ति के पात्र नहीं होगा।
तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती में प्रथम लेवल से हो गए थे बाहर
वर्ष 2012 में जिला परिषदों के माध्यम से 40 हजार पदों के लिए करवाई गई तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती में बीएड योग्यता धारी अभ्यर्थियों को पहली बार प्रथम लेवल की भर्ती में बाहर कर दिया गया था। उन्हें महज द्वितीय लेवल के पदों की भर्ती में ही सम्मिलित किया गया था। उसके बाद में प्रदेश में वर्ष 2013, 2016 एवं 2018 में करीब एक लाख से अधिक तृतीय श्रेणी शिक्षकों के पदों पर भर्ती हुई लेकिन बीएड डिग्रीधारियों को सम्मिलित नहीं किया।
ASO NEWS || शाहपुरा
शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के प्रावधानों के अनुसार एनसीटीई ने तृतीय श्रेणी शिक्षक के पदों एवं भर्ती को दो भागों में बांटा था। प्रथम लेवल में कक्षा 1 से 5 को बनाया गया। इसमें बीएसटीसी एवं इसके समकक्ष उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को प्रथम लेवल का तृतीय श्रेणी शिक्षक बनने का पात्र माना और द्वितीय लेवल कक्षा 6 से 8 के लिए बीएड योग्यता धारी अभ्यर्थियों को पात्र माना गया था। बीएड योग्यताधारी अभ्यर्थियों को तृतीय श्रेणी शिक्षक के प्रथम लेवल के लिए योग्य नहीं माना था। ऐसे में तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती के प्रथम लेवल में महज बीएसटीसी एवं इसके समकक्ष उत्तीर्ण अभ्यर्थी सम्मिलित हो पा रहे थे।
शिक्षक पात्रता परीक्षा पास करना जरूरी
आरटीई एक्ट के अनुसार तृतीय श्रेणी शिक्षक बनने के लिए बीएसटीसी एवं बीएड डिग्रीधारी अभ्यर्थियों को शिक्षक पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण करना आवश्यक है। शिक्षक पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण किए बिना बीएसटीसी एवं बीएड धारी अभ्यर्थी तृतीय श्रेणी शिक्षक के पद पर नियुक्ति के पात्र नहीं होगा।
तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती में प्रथम लेवल से हो गए थे बाहर
वर्ष 2012 में जिला परिषदों के माध्यम से 40 हजार पदों के लिए करवाई गई तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती में बीएड योग्यता धारी अभ्यर्थियों को पहली बार प्रथम लेवल की भर्ती में बाहर कर दिया गया था। उन्हें महज द्वितीय लेवल के पदों की भर्ती में ही सम्मिलित किया गया था। उसके बाद में प्रदेश में वर्ष 2013, 2016 एवं 2018 में करीब एक लाख से अधिक तृतीय श्रेणी शिक्षकों के पदों पर भर्ती हुई लेकिन बीएड डिग्रीधारियों को सम्मिलित नहीं किया।
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