सुझाव के लिए UGC ने गठित की थी दो कमेटियां.....

अजमेर।
कोरोना संक्रमण के चलते यूजीसी द्वारा गठित उच्च स्तरीय कमेटियों ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। पहली कमेटी ने देश के विश्वविद्यालयों में जुलाई के बजाय सितम्बर में नया सत्र शुरू करने और दूसरी ने बकाया परीक्षा ऑनलाइन कराने की सिफारिश की है। यूजीसी के चेयरमैन प्रोफेसर डी पी सिंह ने बताया कि कोरोना संक्रमण और लॉक डाउन की स्थिति को देखते हुए दो उच्च स्तरीय कमेटी गठित की गई थी।


*जुलाई के बजाय सितम्बर में सत्र*


हरियाणा विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.आर. सी. कुहाड़ कमेटी ने देश के सभी विश्वविद्यालयों में जुलाई के बजाय सितम्बर में सत्र 2020-21 शुरू करने की सिफारिश की है। वर्तमान की स्नातक और स्नातकोत्तर परीक्षा में देरी के चलते यह सिफारिश की गई है। हालांकि यह केंद्रीय और राज्य विश्वविद्यालयों की परिस्थितियों पर निर्भर करेगा।




*ऑनलाइन कराएं एग्जाम*


इंदिरा गांधी नेशनल ओपन यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो. नागेश्वर राव की कमेटी ने विश्वविद्यालयों को ऑनलाइन परीक्षा कराने को कहा है। उनकी कमेटी ने सिफारिश की है कि जिन विश्विद्यालय के पास ऑनलाइन परीक्षा कराने की आधारभूत सुविधा है उन्हें इसका तत्काल इस्तेमाल करना चाहिए। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि कई विश्वविद्यालयों के पास सुविधा नही हैं। यह लॉक डाउन खुलने और हालात सामान्य होने के बाद ही परीक्षाएं करा सकेंगे। मालूम हो कि राजस्थान में उच्च शिक्षा विभाग ने 15 जून के बाद विश्वविद्यालयों को स्नातक और स्नातकोत्तर स्तर की बकाया वार्षिक परीक्षाएं कराने को कहा है।

यूजीसी ने सुझाव दिए हैं। राजभवन और उच्च शिक्षा विभाग की जो भी सिफारिश होगी उसके अनुसार फैसला लिया जाएगा।
प्रो. आर. पी. सिंह, कुलपति मदस विश्वविद्यालय

यूजीसी का सुझाव ठीक है, पर राज्य स्तरीय विश्वविद्यालयों की परिस्थितियां अलग होती हैं। लॉकडाउन और इसके बाद कैसी परिस्थितियां होती हैं इस पर चर्चा की जाएगी।
प्रो. पी. सी. त्रिवेदी, कुलपति जयनारायण व्यास यूनिवर्सिटी


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