Barmer/ASO NEWS
गणेश उत्सव पर जहां सभी लोग पीओपी प्लास्टर ऑफ पेरिस से बनी मूर्तियां स्थापित कर रहे हैं तो कहीं लोग मिट्टी से बनी मूर्तियां या फिर घर पर ही मिट्टी की मूर्ति बनाकर पूजा अर्चना कर रहे हैं लेकिन बाड़मेर में कुछ युवा ऐसे भी है जो कि अलग ही अंदाज में इको फ्रेंडली गणपती बनाकर गणेशोत्सव मना रहे हैं।
जी हां आचार्य समाचार ऑनलाइन पोर्टल के ब्लॉगर महावीर आचार्य ने दो a4 साइज के पेपर सात अलग-अलग प्रकार के अनाजों के दानों से भगवान श्री गणेश जी की पोट्रेट तैयार की है जो बिल्कुल इको फ्रेंडली है और बहुत ही कम मूल्य में 2 घंटे की मेहनत से तैयार की गई है।
पिछले साल भी महावीराचार्य ने गणेश चतुर्थी पर एक चार्ट द्वारा गणपति जी की प्रतिमा बनाकर गणेश उत्सव मनाया था जो भी अपने आप में एक इको फ्रेंडली गणपति का विशेष आकर्षण था।
उनका मानना है कि बाड़मेर में वैसे ही विसर्जन के लिए प्रयुक्त जगह उपलब्ध नहीं है और एकमात्र जस्टिस तालाब है जिसमें सभी बाड़मेर वासी सैकड़ों की संख्या में छोटी बड़ी मूर्तियां विसर्जन करने की कोशिश करते हैं जिससे बाड़मेर का एकमात्र तालाब प्रदूषित हो जाता है प्रशासन द्वारा भी प्रदूषण ना हो इसलिए छोटा कुंड बनाकर उसमें विसर्जन का अवसर दिया जाता है लेकिन वह अपर्याप्त है कुछ दिन बाद खंडित हुई हुई मूर्तियां यहां वहां चित्र भीतर दिखाई देती है जो कि हमारी संस्कृति व धर्म तथा हमारे भगवान की यह दुर्दशा देखकर मन बहुत ही विचलित व दुखी होता है इसलिए पिछले 2 सालों से वह सेव इको फ्रेंडली गणपति ही बनाकर गणेश उत्सव मना रहे हैं बाकी इससे पहले वह भी पीओपी की छोटी मूर्तियों का विसर्जन करते थे अंतिम उन्होंने पीओपी की मूर्ति लगातार 3 साल तक पूजा करने के बाद 2015 में विसर्जित किया था ।
उसके बाद से लगातार इको फ्रेंडली गणपती ही घर लेकर आ रहे हैं जो कि स्वयं अपने हाथों से बनाते हैं हम सभी को भी इस प्रकार की पहल करनी चाहिए ताकि प्रदूषण भी ना हो वह हमारे देवी देवताओं का अपमान भी ना हो।
0 comments:
एक टिप्पणी भेजें
Click to see the code!
To insert emoticon you must added at least one space before the code.