महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय में गुरूवार काे चॉइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम, आनंदम पाठ्यक्रम को स्नातकोत्तर कक्षाओं में प्रभावी रूप से लागू करने औैर विश्वविद्यालय-महाविद्यालयाें की शिक्षण व परीक्षा प्रणाली में एकरूपता लाने की कार्य योजना बनाने के बैठक आयाेजित की गई। बैठक में कुलपति प्राे. आरपी सिंह की अध्यक्षता में विश्वविद्यालय के संकाय अधिष्ठाता शामिल हुए। बैठक में तय किया गया की नई शिक्षा नीति के अनुरूप विश्वविद्यालय औैर संबंद्ध सभी महाविद्यालयाें में प्रवेश प्रक्रिया, पाठ्यक्रम औैर प्रायोगिक कार्य आदि में एकरूपता लाने के लिए शिक्षाविदों की एक उच्च स्तरीय समिति बनाई जाएगी। प्राे. आरपी सिंह ने बताया कि बैठक के दाैरान नई शिक्षा नीति के अनुसार जारी एक वर्षीय सर्टिफिकेट व दो वर्षीय डिप्लोमा पाठ्यक्रम प्रारम्भ करने पर भी सहमति बनी। इस माैके पर सभी संकाय अधिष्ठताओं ने फलदार व औषधीय पाैधे राेपित किए।
सेवानिवृत्ति पर डाॅ. दलेला काे दीं बधाई | बैठक में सम्राट पृथ्वीराज चौहान राजकीय महाविद्यालय के अंग्रेजी विभाग की विभागाध्यक्ष डाॅ. डोली दलेला की अधिष्ठाता कला संकाय के रूप ये अंतिम बैठक रही। सभी संकाय अधिष्ठाताओं ने डॉ. दलेला के 31 जुलाई को सेवानिवृत्ति पर शुभकामनाएं प्रेषित की हैं। बैठक में अधिष्ठाता प्रो. मनोज कुमार, प्रो. सुब्रतो दत्ता, प्रो. शिवदयाल सिंह, प्रो. शिवप्रसाद, डॉ. मुन्ना लाल अग्रवाल, डॉ. विभा शर्मा, डॉ. डोली दलेला सहित अन्य शिक्षक उपस्थित थे।
बोर्ड परीक्षाओं में अनावश्यक तनाव दूर होगा
नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में कराेड़ाें विद्यार्थियों के लिए राहत की बात ये है कि बाेर्ड परीक्षाओं काे आसान बनाने की घोषणा की गई है। विद्यार्थी बाेर्ड परीक्षाओं काे लेकर अनावश्यक तनाव में रहते थे, अब इससे मुक्ति मिलेगी। नई शिक्षा नीति में शुल्क नियंत्रण, रिसर्च फाउंडेशन, काॅलेजाें की स्वायत्तता औैर शोध पर ज्यादा ध्यान देने के लिए किए बदलाव कारगर साबित हाेंगे। नेशनल मेंटरिंग प्लान के माध्यम से शिक्षकों का उन्नयन किया जाएगा। ये कहना है - अंतरराष्ट्रीय विकास विशेषज्ञ डाॅ. विश्वास सक्सेना का। शिक्षा के क्षेत्र में दाे बार राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित डाॅ. सक्सेना मानव संसाधन मंत्रालय में वरिष्ठ परामर्शक (गुणवत्ता एवं शिक्षक प्रशिक्षण) रह चुके हैं। उन्होंने देश की तकनीकी सहयाेग इकाई का नेतृत्व कर 36 राज्याें औैर केंद्र शासित प्रदेशाें के शिक्षा के नियाेजनाें का विश्लेषण किया है। नई शिक्षा नीति पर डाॅ. सक्सेना से भास्कर संवाददाता की विशेष बातचीत.....
प्रासंगिक लेकिन क्रियान्वयन जरूरी| सक्सेना ने कहा कि नई शिक्षा नीति प्रासंगिक है, देश की शिक्षा पद्धति अंतरराष्ट्रीय मापदंडों की पूर्ति कर रही है लेकिन अहम है इसका क्रियान्वयन, इसका ध्यान रखा गया ताे ही नीति सफल साबित हाेगी। उन्हें हाल ही में नामीबिया सरकार ने भी सम्मानित किया था।
क्वालिटी इंस्ट्रक्शन हाेगा तभी यूनिवर्सल रिटेंशन | उन्होंने कहा, यूनिवर्सल रिटेंशन तभी संभव है, जब क्वालिटी इंस्ट्रक्शन हाे। लर्निंग बैरियर्स काे दूर करने के बाद गुणवत्ता आएगी।
वर्तमान हालात - क्वायर पेग इन राउंड हाेल जैसे | वर्तमान में हालात -क्वायर पेग इन राउंड हाेल यानी चौकोर कील औैर गोलाकार छेद वाले हैं। नई शिक्षा नीति काे सफल बनाने के लिए सेवा आयाेगाें, भर्ती बाेर्ड औैर अन्य राेजगार संस्थाओं काे भर्ती प्रक्रियाओं में भी परिवर्तन करना हाेगा।
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